महंत के वाहन में ही है किचन और बेडरूम, 40 साल पहले त्याग दिया था बोलना और अन्न ग्रहण
प्रयागराज,संवाददाता : संगम की रेती पर चल रहे महा कुंभ में हर बाबा की तपस्या और सेवा के अनूठे रंग देखने को मिल रहे हैं। प्रतापगढ़ के चिलबिला स्थित शिवशक्ति बजरंग धाम से आए चाय वाले बाबा का असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। उन्होंने 40 साल पहले बोलना और अन्न ग्रहण करना त्याग दिया था। वे दिनभर में केवल 10 कप चाय पीते हैं और भक्तों को प्रसाद के रूप में भी यही चाय देते हैं, जिस कारण उन्हें ‘चाय वाले बाबा’ के नाम से जाना जाता है। बाबा की शिक्षा भी बेहद रोचक है। वे बीएससी पास हैं और उनके पिता प्राचार्य थे। पिता के निधन के बाद दिनेश स्वरूप को शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति भी मिली थी, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की और तपस्वी जीवन को अपनाया। आजकल, बाबा सिविल सर्विसेज की फ्री कोचिंग भी देते हैं। वे व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों को नोट्स उपलब्ध कराते हैं और उनके प्रश्नों का उत्तर भी उसी माध्यम से देते हैं। बाबा का मानना है कि उनके द्वारा शिक्षा देकर विद्यार्थियों को अफसर बनाने का उद्देश्य है। जब बाबा से मौन रहने के कारणों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसका उत्तर भी लिखा और बताया कि मौन से ऊर्जा का संचय होता है, जो विश्व कल्याण के कार्य में उपयोग होती है। इस समय वे कुंभ मेले में भी सिविल सर्विसेज की कोचिंग दे रहे हैं, और छात्रों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
महंत ओम का तीन पहिये वाहन में किचन और बेडरूम
महा कुंभ के मेले में दिल्ली से आए महंत ओम भी चर्चा में हैं। उनके पास तीन पहिये वाला एक वाहन है, जिसमें किचन और बेडरूम दोनों हैं। महंत ओम ने बताया कि यह गाड़ी ही उनका घर है, जिसमें वह आराम करते हैं और खाना भी बनाते हैं। गाड़ी में ड्राइविंग सीट के पास ही किचन है, और उसमें बैठकर वे खाना बनाते हैं। महंत ओम का मानना है कि गाड़ी के माध्यम से वे देश के किसी भी हिस्से में यात्रा कर सकते हैं। जहां भी रुकना होता है, गाड़ी में ही खाना बनाते हैं और विश्राम करते हैं। हालांकि, उन्हें मेला प्राधिकरण से जमीन नहीं मिली है, इस वजह से वे मेला प्राधिकरण के बाहर गाड़ी में रह रहे हैं। महंत ओम ने अधिकारियों से गुजारिश की है कि उन्हें भी कैंप के लिए जमीन आवंटित की जाए।कुंभ मेला, जहां हर साल संतों और बाबाओं की तपस्या और सेवाओं के अनोखे रूप देखने को मिलते हैं, इस बार भी अनूठे अनुभवों से भरा हुआ है।