मीना ने घटना के पहले ही दिन नहीं की थी कोई सख्त कार्रवाई
वाराणसी,संवाददाता : वाराणसी में एक ग्रेजुएशन की छात्रा से 23 लड़कों ने सात दिन तक गैंगरेप किया। तीन अप्रैल को छात्रा को सड़क पर फेंक कर भाग गए। छात्रा बदहवास हालत में घर पहुंची और मामले की जानकारी दी। मामले में पुलिस ने अभी तक 23 आरोपियों में से 13 को गिरफ्तार किया है।
पीएम ने कमिश्नर से जताई थी नाराजगी
शुक्रवार सुबह पीएम मोदी जब वाराणसी दौरे पर पहुंचे तो एयरपोर्ट पर उतरते ही पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से छात्रा से गैंगरेप केस का अपडेट लिया। साथ ही लापरवाही पर कमिश्नर से नाराजगी जताई। कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब मामले में एक्शन शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री की नाराजगी के बाद सोमवार रात वाराणसी के डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीना को उनके पद से हटा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, चंद्रकांत मीना ने घटना के पहले ही दिन सख्त कार्रवाई नहीं की। न ही लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी और दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट दी। इससे वरिष्ठ अधिकारियों में असंतोष था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े तीन से चार और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
कौन हैं चंद्रकांत मीना
आईपीएस चंद्रकांत मीना 2018 बैच के अधिकारी हैं। मूल रूप से राजस्थान अलवर के रहने वाले हैं। वाराणसी में 2022 से हैं। उन्हें 2023 में एडीसीपी काशी जोन बनाया गया था। इसके बाद 2023 में ही डीसीपी क्राइम की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रशासनिक स्तर पर हुए फेरबदल में डीसीपी वरुणा जोन का जिम्मा सौंपा गया। तब से वाराणसी में ही थे। चंद्रकांत मीना ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। मीना को 2023 में डीजी सिल्वर मेडल भी मिला है। वाराणसी से पहले मीना सहायक पुलिस अधीक्षक बरेली रहे, जहां पर भू-माफिया पर कार्रवाई की। एलायंस बिल्डर्स के निदेशकों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद 35.11 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।