सुबह-शाम शिवलिंग पर बिल्व पत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं, घी का दीपक लगाएं, दूर होंगे सारे कष्ट
डॉ उमाशंकर मिश्रा, (ज्योतिषाचार्य): एक तारीख को प्रदोष और दो को सावन की शिवरात्रि है। मान्यता है कि दोनों दिन शिव आराधना से महापूजा का पुण्य मिलेगा। अगस्त के शुरुआती दो दिन शिव पूजा के लिए खास हैं। इनमें पहली तारीख को प्रदोष यानी त्रयोदशी तिथि रहेगी। इसके अगले दिन चतुर्दशी यानी सावन की शिवरात्रि होगी। शिव पुराण के मुताबिक ये दोनों तिथियां शिव पूजन के लिए बेहद खास मानी जाती हैं।
इन तिथियों में जल और दूध से शिवलिंग की पूजा-अभिषेक करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है। हर तरह की परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। इन दिनों में शिव पूजन करने से महापूजा करने जितना पुण्य मिलता है।
सावन में शिव पूजा के दो खास दिन
प्रदोष तिथि यानी एक अगस्त को व्रत रखें। इस दिन सूर्योदय के वक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही शाम को सूर्यास्त के वक्त शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन सुबह-शाम शिवलिंग पर बिल्व पत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक लगाएं। मिट्टी के मटके में दूध और पानी भरकर शिव मंदिर में दान करें। सावन शिवरात्रि यानी शिव चतुर्दशी दो अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
सूर्यास्त के बाद हर तीन घंटे में शिव-पार्वती पूजा करने से मनोकामना होती है पूरी
इस दिन मां पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं। जिससे परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इस पर्व पर रात के चारों प्रहर में पूजा करने की परंपरा भी है। यानी सूर्यास्त के बाद हर तीन घंटे में शिव-पार्वती पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।
जल और दूध चढ़ाने से दूर होती हैं परेशानियां:
सावन में शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि जैसे घड़े से पानी की बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरती है, उसी तरह परेशानियां भी पानी की तरह बहकर दूर हो जाती है। साथ ही इस महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा भी है। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए इन दो दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।
मिलता है शिव महापूजा का फल
सावन महीने में प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करने की परंपरा है। साथ ही फलों के रस से भी अभिषेक करना चाहिए।शिव पुराण में बताया गया है कि फलों के रस से शिवजी का अभिषेक करने से हर तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं। इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। साथ ही शिवजी को मौसमी फलों का भोग लगाएं और इन दो दिनों तक व्रत रखें। इससे शिव महापूजा का फल मिलता है।