स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 400 करोड़ रुपये के अंशदान को दी गई थी स्वीकृति
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तेजी से बदल रही प्रौद्योगिकी और वैश्विक बाजार के अनुरूप नवाचार को विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी ने ‘यूपी इनोवेशन फंड’ (यूपीआईएफ) के संदर्भ में अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में प्रौद्योगिकी तेजी से बदल रही है, ऐसे में हमें नवाचार को बदलती प्रौद्योगिकी और वैश्विक बाजार के अनुरूप विकसित करना चाहिए।” मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाए और तीनों प्राविधिक विश्वविद्यालयों में नवाचार की जरूरत के अनुसार केंद्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन छात्रों के पास नवाचार के विचार हैं, लेकिन धन की कमी है। इस कारण विश्वविद्यालयों के माध्यम से छात्रों को धनराशि उपलब्ध कराई जाए ताकि आने वाले समय में नए-नए नवाचार सामने आएं।”
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के तीनों प्राविधिक विश्वविद्यालयों को नवाचार से जोड़ने के लिए निर्देश दिए और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों को भी प्रेरित करने की बात कही। योगी ने यह भी बताया कि दो साल पहले स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 400 करोड़ रुपये के अंशदान को स्वीकृति दी गई थी, जबकि निवेश प्रबंधक को 1200 से 3600 करोड़ रुपये का अंशदान करना था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और निवेश प्रबंधक के अंशदान को बराबर करने पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे प्रदेश में नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।