प्रशासनिक अफसर तैयारी का दावा करते रहे लेकिन छोटी सी चूक ने लिया बड़े हादसे का रूप
प्रयागराज,संवाददाता : महाकुंभ में दूसरे और सबसे बड़े अमृत स्नान मौनी अमावस्या के मौके पर संगम नोज पर देर रात भगदड़ मच गई। प्रशासन के मुताबिक, इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है, जबकि 60 लोग घायल हैं। सवाल यह है कि जब प्रशासन और पुलिस तैयारी का दावा करते रहे तो यह चूक कहां हुई I महाकुंभ 2025 का हर दिन आम माघ मेला के मकर संक्रांति या वसंत पंचमी जैसा दिखा। मौनी अमावस्या के दिन शाम छह बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। वहीं 28 जनवरी तक संगम में करीब 19.94 करोड़ लोगों ने स्नान किया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसर तैयारी का दावा करते रहे लेकिन छोटी सी चूक ने हादसे का रूप ले लिया। आइए जानते हैं उन पांच बड़े कारणों के बारे में जिसकी वजह से यह हादसा हुआ…
1. होल्डिंग एरिया से संगम की ओर भेजे गए लाखों श्रद्धालु
महाकुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल शायद नहीं किया गया। वहीं, जब मंगलवार की रात को श्रद्धालु काली मार्ग पार्किंग और अन्य स्थानों पर बैठे थे तो पुलिस ने उन्हें उठाकर रात में ही संगम की ओर भेजना शुरू कर दिया गया। ऐसे में संगम पर नौ बजे से उमड़ी भीड़ अमृत स्नान के लिए बैठी रह गई।
2. संगम पर निकासी-प्रवेश का वन-वे प्लान हुआ फेल
संगम पर सभी स्नान के लिए वन वे प्लान बनाया गया था। काली सड़क से त्रिवेणी बांध पार कर संगम अपर मार्ग से श्रद्धालु संगम नोज जाएंगे और अक्षयवट मार्ग से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से बाहर निकालना था, लेकिन यह प्लान फेल दिखा। अक्षयवट मार्ग बहुत कम लोग गए। संगम अपर मार्ग पर लोगों का आना-जाना बना रहा।
3. पांटून पुलों को बंद रखने के कारण बेकाबू हुई भीड़
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए 30 पांटून पुलों का निर्माण किया गया था, लेकिन 12 से 13 पांटून पुलों को हमेशा बंद रखा गया। ऐसे में अगर कोई श्रद्धालु झूंसी की तरफ से संगम आता है तो कई किलोमीटर उसे चलना होता है। अधिकांश बुजुर्ग यात्री थक जाते हैं जो संगम नोज पर काफी देर बैठ जाते हैं। इससे संगम पर भीड़ जमा होती रही।
4. प्रशासन की मनमानी के चलते बिगड़े हालात
महाकुंभ क्षेत्र में सड़कों को काफी चौड़ा बनाया गया, लेकिन अधिकांश समय इन सड़कों को बंद ही रखा गया। इसके साथ ही, मेन मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को लगातार चलना पड़ा। ऐसे में लोग थक गए और संगम किनारे पहुंचकर बैठ गए। यह भी संगम पर भीड़ रहने का कारण बना।
5. सेक्टर नंबर दस में ठहरी सीआईएसएफ की कंपनी
राहत और बचाव कार्य के लिए महाकुंभ क्षेत्र में प्रशासन ने तमाम बल तैनात तो किए, लेकिन सभी को अलग-अलग सेक्टरों में नहीं बसाया गया। सीआईएसएफ की कंपनी को सेक्टर नंबर दस में ठहराया गया। देर रात डब भगदड़ की वजह से हादसा हुआ तो सीआईएसएफ की कंपनी को बुलाया गया। भीड़ के बीच से सेक्टर दस से सेक्टर तीन तक आने में कंपनी को काफी समय लग गया, जिससे स्थित और खराब हुई।