एसएम कृष्णा कर्नाटक को आधुनिक बनाया और नेताओं की पीढ़ियों को किया प्रेरित
बेंगलुरु,संवाददाता : कर्नाटक और भारत के सबसे प्रतिष्ठित राजनेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का मंगलवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद कृष्णा ने आज सुबह 2:45 बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली। आधुनिक बेंगलुरु के वास्तुकार माने जाने वाले कृष्णा का शानदार राजनीतिक करियर दशकों तक रहा, जो ऐतिहासिक उपलब्धियों और शासन के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है। उनका जन्म 1 मई 1932 को मांड्या जिले के सोमनहल्ली गांव में हुआ था। उन्होंने 1962 में मद्दूर निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र विधायक के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।एसएम कृष्णा को पूरे देश से श्रद्धांजलि मिल रही है। उन्हें एक ऐसे राजनेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने ज्ञान को कार्रवाई के साथ जोड़ा, कर्नाटक को आधुनिक बनाया और नेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल (1999-2004) को अभूतपूर्व वृद्धि और विकास के युग की शुरुआत के रूप में याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में बेंगलुरु भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में उभरा और वैश्विक पहचान प्राप्त की। कृष्णा का योगदान कर्नाटक तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल (2004-2008) और भारत के विदेश मंत्री (2009-2012) के रूप में भी कार्य किया। उनके राजनयिक कौशल ने भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया। वह दिल से शिक्षाविद थे और मैसूर के महाराजा कॉलेज तथा बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र थे। उनकी ज्ञान की खोज उन्हें अमेरिका ले गई, जहां उन्होंने दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय, टेक्सास और जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की। कृष्णा ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य किया। अपने करियर के अंत में भाजपा में शामिल होने का उनका निर्णय उनके सार्वजनिक सेवा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता और अनुकूलनशीलता को प्रदर्शित करता है। कृष्णा एक दूरदर्शी नेता थे, और उनकी विरासत प्रगति के प्रति उनके समर्पण में निहित है। उनका निधन कर्नाटक के राजनीतिक इतिहास में एक युग के समापन के रूप में माना जाएगा, जिसने राज्य और राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी।