प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 74वें जन्मदिन को सेवा पखवाड़े के रूप में मनाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की
नयी दिल्लीः केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 74वें जन्मदिन को सेवा पखवाड़े के रूप में मनाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश की नीतियों की दिशा, गति और उनके क्रियान्वयन के सातत्य से भारत एक सुरक्षित राष्ट्र बन गया है।भारत विश्व की प्रमुख आर्थिक एवं राजनीतिक शक्ति के रूप में मजबूती से उभर रहा है। शाह ने रेल, सूचना प्रसारण एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। श्शाह ने कहा , “ आज प्रधानमंत्री का जन्मदिन है। पूरे देश में कई संस्थाओं ने उनके जन्मदिन को सेवा पखवाड़े के नाम से मनाने के निर्णय लिया है। 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक 15 दिन देश भर के सभी जरुरतमंदों की सेवा में हमारे जैसे काफी कार्यकर्ता लगेंगे।” उन्होंने कहा कि मोदी एक छोटे से गांव के गरीब परिवार में जन्म लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने। दस साल में दुनिया के 15 अलग अलग राष्ट्रों ने श्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया है। इससे न केवल प्रधानमंत्री जी बल्कि देश का भी गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 60 साल के बाद पहली बार देश में राजनीतिक स्थिरता का माहौल आया है और नीतियों के सातत्य को भी हमने अनुभव किया है। नीतियों की दिशा, नीतियों की गति और नीतियों का क्रियान्वयन सटीकता से 10 साल तक बरकरार रखकर 11वें साल में प्रवेश करना बहुत कठिन है।श्री शाह ने एक सवाल पर कहा कि जनगणना का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। जाति आधारित जनगणना कराये जाने के संबंध में सवाल पर उन्होंने कहा कि जब जनसंख्या करने की घोषणा की जाएगी तो इस समय सभी चीजों पर बात की जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि इसी सरकार के कार्यकाल में ‘एक देश एक चुनाव’ को लागू कर दिया जाएगा। मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए किए गए उपायों के संबंध में एक सवाल पर श्री शाह ने कहा, “मणिपुर म्यांमार सीमा की फेंसिंग का काम शुरू कर दिया गया है। घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमार से केवल वीजा के आधार पर प्रवेश की व्यवस्था की गई है। सीमा पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। हाल में तीन दिन की हिंसक घटनाओं को छोड़कर वहां पिछले लंबे समय से कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई थी। मुझे आशा है कि मणिपुर की स्थिति पर सरकार बहुत अच्छे तरीके से नियंत्रण कर सकेगी।” गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति बहाली के लिए सरकार ने राज्यों की सीमाओं से संबंधित विवादों के समाधान और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते सहित कुल 11 समझौते किए हैं और 10 हजार से अधिक उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं।