जम्मू-कश्मीर के जीएमसी राजौरी में बढ़ाई गई चिकित्सकीय सहायता
जम्मू,संवाददाता : जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के कोटरंका सब डिवीजन स्थित बुधल गांव में एक अज्ञात बीमारी के कारण अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी राजौरी में अतिरिक्त विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की है। गंभीर बीमारी से निपटने के लिए, जीएमसी राजौरी में पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है। अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि सरकार से अनुरोध करने के बाद, स्वास्थ्य सचिव ने आधे घंटे के भीतर अतिरिक्त चिकित्सकों को जीएमसी भेजने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उन्नत तकनीक और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
बुधल गांव में फैल रही इस रहस्यमय बीमारी के लक्षणों में बुखार, पसीना, उल्टी, निर्जलीकरण और बेहोशी शामिल हैं। प्रारंभिक परीक्षणों के बावजूद कोई जीवाणु या वायरल संक्रमण का पता नहीं चल पाया है। प्रशासन ने अभी तक बीमारी के कारणों का पता नहीं लगाया है, जिससे सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और वे चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बुधल क्षेत्र के विधायक जावेद इकबाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा, “मैंने बच्चों को तड़पते हुए देखा है, और यह स्थिति चिंताजनक है। यदि बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, तो पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली में भी उपचार की व्यवस्था की जानी चाहिए।”
हाल ही में, बुधल गांव से छह मरीजों को जीएमसी राजौरी में उपचार के लिए लाया गया, और वे अब ठीक हो रहे हैं। कुछ मरीजों को जम्मू लाया गया, लेकिन मदद के अभाव में उन्हें पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ नहीं भेजा जा सका। इसके बजाय उनका इलाज एसएमजीएस अस्पताल और जीएमसी जम्मू में किया जा रहा है। स्थिति को देखते हुए, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बुधल क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और स्थानीय अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।