अखिलेश यादव के बयान पर बोले, पुलिस अपराधी की जाति नहीं देखती
सुलतानपुरः सुलतानपुर में दिनदहाड़े सोने-चांदी की दुकान पर डकैती के मामले में गुरुवार डीजीपी प्रशांत कुमार पहली बार खुलकर सामने आए। उन्होंने गुरुवार को बक़ायदा प्रेस कांफ्रेंस कर सभी अपराधियों की सीसी फ़ुटेज जारी की। कहाकि पुलिस ने साक्ष्यों की गहन जांच के बाद ही कार्रवाई की है। पूरी कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई है। इसको लेकर फैलायी जा रही भ्रांतियां गलत हैं। कहा कि पुलिस अपराधी की जाति नहीं देखती, उसके खिलाफ सबूत देखकर कार्रवाई करती है।
डीजीपी ने कहा कि यूपी पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है। इस दौरान एडीजी एलओ अभिताभ यश और एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर भी मौजूद रहे। इसी के साथ पुलिस ने घटना की सीसीटीव फुटेज, फोटो और मंगेश यादव की मां के साथ बहन का बयान भी जारी किया है।डीजीपी ने बताया कि घटना में कुल 12 आरोपी शामिल थे। इसमें विपिन सिंह गैंग लीडर था। विपिन, फुरकान और उसके तीन साथियों ने घटना को अंजाम देने के लिए 13 और 15 अगस्त को दुकान की रेकी की थी। इसके वीडियो के रूप में हमारे पास साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। वीडियो में रेकी करते हुए विपिन और उसके साथियों को दिखाया गया है। वहीं घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गईथी, जिसे मंगेश यादव ने चोरी किया था। इसमें उसके साथ कई और लोग भी शामिल थे। घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी दो समूह में घटना स्थल पर पहुंचे थे। घटना के बाद भागने के लिए बोलेरो का प्रयोग किया गया था।
एडीजी एलओ अमिताभ यश ने बताया कि घटना स्थल पर पुष्पेंद्र, डब्लू और सचिन बोलेरो से पहुंचे थे, जबकि फुरकान, अनुज, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव दुकान के अंदर घुसे थे। यह लोग सीधे डकैती में शामिल थे। इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद, विवेक और दुर्गेश दुकान के आस-पास घेराबंदी में तैनात थे ताकि कोई समस्या होने व पुलिस से बचने के लिए अपने साथियों का बैकअप कर सकें। यह सभी चीजें सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल विश्लेषण में स्पष्ट भी हुईं हैं। पूरे मामले का राजफ़ाश एसटीएफ और सुल्तानपुर पुलिस ने मिलकर किया है।