जिम्मेदारियों से बचने के लिए आकर्षित हो रहे हैं युवा
इलाहाबाद,संवाददाता : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सामाजिक मान्यता न होने के बावजूद आज के युवा सामाजिक जिम्मेदारियों से बचने के लिए लिव-इन रिलेशनशिप की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि समय आ गया है कि समाज में नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए हमें कुछ रूपरेखा तैयार करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। हम बदलते समाज में रहते हैं जहां परिवार, समाज या कार्यस्थल पर युवा पीढ़ी का नैतिक मूल्य और सामान्य आचरण बदल रहा है।जस्टिस श्रीवास्तव ने छह साल तक साथ रहने के बाद बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला से इतने सालों बाद शिकायत की वजह पूछी और वाराणसी जिले के आरोपी आकाश केशरी को जमानत दे दी। आकाश के खिलाफ बलात्कार और अजा-जजा अधिनियम के तरह मामले दर्ज कराए गए हैं। इसमें आरोप लगाया गया कि उसने शादी के बहाने युवती से शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इनकार कर दिया।सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ छह साल तक लिव-इन संबंध में रहे हैं। आरोपी ने शादी का कभी वादा नहीं किया था और गर्भपात कराने का आरोप झूठा है।