भारत में जन्मा ‘जेनरेशन बीटा’ का पहला बच्चा, नाम रखा गया फ्रेंकी
दिल्ली,संवाददाता : भारत में ‘जेनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म मिजोरम की राजधानी आइजोल में हुआ है। यह बच्चा 1 जनवरी 2025 को सुबह 12:03 बजे पैदा हुआ, और उसका नाम फ्रेंकी रखा गया। आम तौर पर पीढ़ियों में बदलाव हर 20 साल में होता है, लेकिन इस बार 11 साल के अंतराल में ही ‘जेनरेशन बीटा’ आ गई है। इस पीढ़ी की शुरुआत 1 जनवरी 2025 से हो गई है, और 2039 तक पैदा होने वाले बच्चे इसी पीढ़ी में गिने जाएंगे। ‘जेनरेशन बीटा’ उस पीढ़ी को कहा जाता है, जो इंटरनेट से जुड़ी सभी सुविधाओं के बीच पैदा हुई है और जिनके लिए हर सुविधा महज एक क्लिक की दूरी पर होगी। इस पीढ़ी के बच्चे होम डिलीवरी, टीवी, इंटरनेट सहित अन्य तमाम सुविधाओं को आसानी से एक्सेस कर सकेंगे। इस पीढ़ी का नाम ऑस्ट्रेलिया के समाज विज्ञानी मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है। उनका मानना है कि 2025 से 2039 तक का दौर तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी , और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी तकनीकें आम होंगी।
इससे पहले, 2013 से 2024 तक पैदा हुए बच्चों को ‘जेनरेशन अल्फा’ कहा गया था, जो हाइस्पीड इंटरनेट के साथ पैदा हुए थे। वहीं, 1995 से 2012 तक पैदा हुए बच्चों को ‘जेनरेशन जेड’ कहा गया, जो वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ बड़े हुए थे। समाज विज्ञानियों का मानना है कि हर पीढ़ी का नामकरण उस समय की सांस्कृतिक, आर्थिक और तकनीकी घटनाओं के आधार पर किया जाता है। 1901 से 1924 के बीच पैदा होने वाले बच्चों को ‘ग्रेटेस्ट जेनरेशन’ कहा गया था, क्योंकि इस पीढ़ी ने महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध का सामना किया था। जेनरेशन बीटा के बच्चे तकनीकी समझ, स्मार्टनेस, और आधुनिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध होंगे। ये बच्चे ऐसे समय में जन्म लेंगे, जहां तकनीक उनकी दिनचर्या, शिक्षा और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुकी होगी।