ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
ऋतु: शिशिर ॠतु
मास: माघ
पक्ष: कृष्ण
तिथि: त्रयोदशी रात्रि 07:21 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र: मूल सुबह 07:56 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
योग: हर्षण रात्रि 01:42 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल: सुबह 07:30 से सुबह 09:00 तक
सूर्योदय: 06:37
सूर्यास्त: 05:22
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण: सोमप्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
मौनी अमावस्या
विशेष पूजा विधि:
मौनी अमावस्या के दिन प्रयाग में स्नान का महत्व है। यदि आप प्रयाग नहीं जा रहे हैं, तो घर पर स्नान करते हुए “ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा” मंत्र का जाप करें।
इस दिन गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें और भगवान द्वारा दिए गए धन का कुछ हिस्सा गरीब बच्चों में बाँटें। आटे की मिठाई बनाकर अपने पितरों के नाम से दान दें।
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए विशेष हवन विधि:
सामग्री:
- काले तिल
- जौं
- चावल
- गाय का घी
- चंदन पाउडर
- गूगल
- गुड़
- देशी कर्पूर या गौ चंदन
विधि:
गौ चंदन या कण्डे से हवनकुंड तैयार करें। उपरोक्त 8 सामग्री का मिश्रण करके हवन करें और देवताओं को आहुति दें।
आहुति मंत्र:
- ॐ कुल देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
- ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
- ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
मौनी अमावस्या के लिए विशेष मंत्र:
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार:
माघी अमावस्या के दिन ब्रम्हाजी का पूजन करके गायत्री मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है। इस दिन शांत बैठकर गुरुमंत्र का जाप करें, जिससे दैवी और लौकिक सम्पदा का लाभ मिलेगा।
गायत्री मंत्र:
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं |
भर्गो देवस्य धीमहि |
धियो यो नः प्रचोदयात्
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए:
घर में हर अमावस्या या हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक डालकर पोछा लगाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। गौझरण अर्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं।