ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक – 17 जनवरी 2025
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत – 1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर ऋतु
मास – माघ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी (18 जनवरी प्रातः 05:17 तक, तत्पश्चात पंचमी)
नक्षत्र – मघा (दोपहर 01:05 तक, तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी)
योग – सौभाग्य (रात्रि 01:30 तक, तत्पश्चात शोभन)
राहुकाल – सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 तक
सूर्योदय – 06:42
सूर्यास्त – 05:18
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – सकट चौथ, संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:48)
विशेष – चतुर्थी
आज 17 जनवरी 2025 को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:48) है। इस दिन तिल संकष्ट चतुर्थी व्रत करें, जिससे पुत्र की सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।
विघ्नों और मुसीबतों को दूर करने के लिए
शिव पुराण के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपति जी की भावना करके अर्घ्य दें। इस अवसर पर निम्नलिखित मंत्र बोलें:
- ॐ गं गणपते नमः।
- ॐ सोमाय नमः।
चतुर्थी तिथि विशेष
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी हैं। प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। शिवपुराण के अनुसार, “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा॥” अर्थात, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को की गई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करती है और उत्तम भोग रूपी फल प्रदान करती है।
कोई कष्ट हो तो
यदि जीवन में समस्याएं आ रही हों, तो कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर यह प्रयोग किया जा सकता है। इस दिन सुबह छह मंत्रों का जाप करें और गणपति जी को प्रणाम करें:
- ॐ सुमुखाय नमः
- ॐ दुर्मुखाय नमः
- ॐ मोदाय नमः
- ॐ प्रमोदाय नमः
- ॐ अविघ्नाय नमः
- ॐ विघ्नकरत्र्येय नमः