गंगा में गुड़, घी, तिल के साथ मधुयुक्त खीर डालने से पितर रहते हैं तृप्त
डॉ उमाशंकर मिश्रा,लखनऊ : आज 29 जनवरी 2025, बुधवार को माघ मास की अमावस्या “मौनी अमावस्या” है। इस दिन का विशेष महत्व है और इसे लेकर दो प्रमुख मान्यताएं हैं: इस दिन को मौनी अमावस्या कहा जाता है क्योंकि इस दिन मौन रहना चाहिए। मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है। इस व्रत को मौन धारण करके पूरा करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन रहकर प्रयाग संगम या पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन को ब्रह्मा जी ने स्वयंभुव मनु को उत्पन्न कर सृष्टि के निर्माण की शुरुआत की थी, इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
पद्म पुराण के अनुसार:
- माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सूर्योदय से पहले जो तिल और जल से पितरों का तर्पण करता है, उसे स्वर्ग में अक्षय सुख प्राप्त होता है। जो तिल की गौ को दान करता है, वह सात जन्मों के पापों से मुक्त हो स्वर्ग में सुख भोगता है।
- ब्राह्मण को भोजन देने से लक्ष्मी का वास रहता है और धन की कभी कमी नहीं होती।
पितृ कर्म और तर्पण:
- इस दिन पितृ पूजा, श्राद्ध, तर्पण, पिण्डदान, नारायणी आदि किया जा सकता है। यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या आपके पितर, माता, गुरु के कुल में किसी को अच्छी गति नहीं मिली है, तो तर्पण (विशेष रूप से गंगा किनारे) जरूर करें।
गंगा स्नान और तर्पण के लाभ:
- गंगा में गुड़, घी, तिल के साथ मधुयुक्त खीर डालने से पितर तृप्त रहते हैं और संतुष्ट होकर संतान को मनोवांछित वस्तुएं प्रदान करते हैं।
- गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से पितर भी नरक से मुक्त हो जाते हैं।
- गंगाजल से भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से पितर सूर्यलोक में प्रतिष्ठित होते हैं।
माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या और युगादि तिथि:
- माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या युगादि तिथि है, जिस दिन चार युगों में से एक युग का आरंभ हुआ था। इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन कई गुना फल देता है। युगादि-काल में एक दिन के दान से जो फल मिलता है, वह सौ वर्षों तक दान करने से प्राप्त होता है।
दान और पूजा के उपाय:
- इस दिन साधु महात्माओं को गर्म वस्त्र, रजाई, कम्बल आदि देना चाहिए।
- गुड़ में काले तिल मिलाकर मोदक बनाकर ब्राह्मणों को देना चाहिए।
- गौशाला में गायों को हरा चारा, खल, चोकर, भूसी, गुड़ आदि दान करना चाहिए।
- माघी अमावस्या को ब्रह्मदेव और गायत्री का पूजन करें।
- पीपल वृक्ष की आघ्र्य देकर परिक्रमा करें और दीप दान दें।
भोजन और व्रत के उपाय:
- इस दिन जिनके लिए व्रत करना संभव नहीं हो, वे मीठा भोजन कर सकते हैं।
- भूखे प्राणियों को भोजन कराने का विशेष महत्व है।
- आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाने से जीवन की परेशानियों का अंत हो सकता है।
- चीटियों को शक्कर मिला आटा खिलाने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
महाभारत में उल्लेख:
- महाभारत (अनुशासन पर्व 25.36-38) में कहा गया है कि माघ मास की अमावस्या को प्रयाग राज में तीन करोड़ दस हजार अन्य तीर्थों का समागम होता है। जो नियमपूर्वक उत्तम व्रत का पालन करते हुए माघ मास में प्रयाग में स्नान करते हैं, वे सब पापों से मुक्त होकर स्वर्ग में जाते हैं।