प्रतिलिपि सभी प्रान्तों के मुख्य मंत्रियों को भी भेजी गई
लखनऊ: इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माण निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है, जिसमें यह मांग कि है कि देश के सभी प्रान्तों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। पत्र की प्रतिलिपि सभी प्रान्तों के मुख्य मंत्रियों को भी दी गई है।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में यह लिखा है कि राज्य बिजली बोर्ड के विघटन के बाद नए बने ऊर्जा निगमों में भर्ती होने वाले बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली एकतरफा ढंग से समाप्त कर दी गई और बिजली कर्मियों को अलग-अलग प्रांतों में सीपीएफ अथवा ईपीएफ अथवा एनपीएस में डाल दिया गया।
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में कहीं पर भी इस प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है कि बिजली बोर्ड के विघटन के बाद भर्ती किए जाने वाले बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। राज्यों के पावर कारपोरेशन में कोई एकरूपता नहीं है। कहीं पर ईपीएफ तो कहीं पर सीपीएफ और कहीं पर एनपीएस लागू है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि हाल ही में राजस्थान छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने ऊर्जा निगमों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी है। इस प्रकार विभिन्न राज्यों में ऊर्जा निगमों में इस मामले में कोई एकरूपता नहीं है। तीन प्रांतों में पुरानी पेंशन लागू है और अन्य अलग-अलग प्रांतों में सीपीएफ , ई पी एफ या एनपीएस लागू है। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार एनपीएस के अंतर्गत कार्य कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में परिवर्तन करने जा रही है। ऐसे में राज्यों के पावर कारपोरेशन में काम कर रहे कर्मचारियों के बीच में एक प्रणाली लागू न होने से बड़ी विसंगतियां पैदा हो जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में यह लिखा गया है कि देश के सभी पावर कॉरपोरेशनों में एकरूपता लाने के लिए यह जरूरी है कि केन्द्र सरकार सभी राज्यों को यह निर्देश जारी करे कि सभी राज्यों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।