रायबरेली,संवाददाता : शहरवासियों को जल्द ही कचरे के ढेर और दुर्गंध से राहत मिलने वाली है। नगर पालिका क्षेत्र में चार मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं और फरवरी के पहले सप्ताह में इन सभी सेंटरों का संचालन शुरू होने की तैयारी है। शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर शहरवासियों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए थे। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका ने एमआरएफ सेंटर के निर्माण कार्य को तेज किया और अब तीन सेंटर पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। चौथे सेंटर का काम अंतिम चरण में है, जिसे एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। शहर की आबादी लगभग चार लाख है और नगर के 34 वार्डों से प्रतिदिन करीब 70 टन कचरा निकलता है। जैतूपुर में कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं, क्योंकि कचरा निस्तारण प्लांट बंद पड़ा था। हालांकि, अब जैतूपुर कचरा निस्तारण प्लांट को चालू कर दिया गया है, लेकिन प्रतिदिन निकल रहे कचरे के हिसाब से निस्तारण का काम सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। कचरा निस्तारण के लिए नगर पालिका ने जैतूपुर, देवानंदपुर, आजाद नगर और महानंदपुर में पांच-पांच मिट्रिक टन कूड़ा निस्तारण क्षमता वाले एमआरएफ सेंटर बनाए हैं।
कैसे होगा कूड़े का निस्तारण
एमआरएफ सेंटर में सूखा कचरा जैसे प्लास्टिक, रबड़, लोहा, तांबा, कपड़ा इत्यादि को अलग करके बेचा जाएगा, जबकि गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। सूखा कचरा और खाद बेचने से प्राप्त आय से इन सेंटरों का संचालन किया जाएगा। नगर पालिका के ईओ स्वर्ण सिंह ने बताया कि फरवरी महीने में सभी चार एमआरएफ सेंटर चालू हो जाएंगे। इन सेंटरों के संचालन से शहर में गंदगी और कचरे की समस्या का समाधान हो जाएगा।