अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक अभिलेखों को खंगाला
रायबरेलीः एसआईबी (विशेष अनुसंधान शाखा) ने जल जीवन मिशन का काम कर रही नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) की फर्म के रायबरेली स्थित दफ्तर में छापा मारा। नोएडा में लाखों रुपयों की जीएसटी की चोरी का मामला पकड़ में आने के बाद यहां पहुंचे एसआईबी के अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक अभिलेखों को खंगाला। शहर के तुलसी नगर में एक व्यक्ति के मकान को किराए पर लेकर फर्म ने दफ्तर बना रखा है। टीम ने टैक्स इनवाइस सहित कई अभिलेखों की फोटोकॉपी को अपने कब्जे में भी लिया है।जिले के गांवों में जल जीवन मिशन के पानी की टंकी का निर्माण कराने और पाइपलाइन बिछाने का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य को नोएडा की पीसीआई इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड करा रहा है। कई गांवों में फर्म ने पानी की टंकी बनाने का काम भी पूरा करा दिया हैनोएडा में शुरू हुई जांच के बाद एसआईबी के उपायुक्त अजीत सिंह की टीम ने फर्म के रायबरेली शहर के तिलक नगर स्थित दफ्तर में छापा मारा। साथ में राज्यकर के सहायक आयुक्त (सचल दल) प्रदीप कुमार पटेल भी थे। टीम ने करीब दो घंटे तक फर्म के दफ्तर में अभिलेखों को खंगाला। डलमऊ रोड पर बनाए गए गोदाम के बारे में भी पूरी जानकारी ली। टैक्स इनवाइस सहित अन्य अभिलेखों की गहनता से जांच की। कई अभिलेखों की फोटोकॉपी को कब्जे में लिया।दो दिन से दफ्तर व गोदाम का पता लगा रही थी टीमशहर के तुलसी नगर में राघवेंद्र नाम के व्यक्ति के घर में संबंधित फर्म ने अपना दफ्तर बना रखा है। मकान नंबर और सटीक जानकारी न होने के कारण एसआईबी की टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा। पिछले दो दिन से राज्यकर विभाग के अधिकारी फर्म के दफ्तर और गोदाम का पता लगाने में जुटे थे। जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार देर शाम छापा मारा।कार्यालय लखनऊ में भी बना रखाः लखनऊ में भी फर्म के दो दफ्तरनोएडा की पीसीआई इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने अपना कार्यालय लखनऊ में भी बना रखा है। लखनऊ में दो और रायबरेली में एक कार्यालय है। एसआईबी की टीम लखनऊ के भी दो दफ्तरों में पहुंचकर अभिलेखों की जांच करेगी। जांच के बाद जीएसटी से संबंधित पूरी रिपोर्ट नोएडा में जांच कर रहे संबंधित अधिकारियों को भेजा जाएगा।फर्मों की हो रही जांचः एसआईबी/राज्यकर, लखनऊ अजीत सिंह उपायुक्त का कहना है कि नोएडा में जीएसटी चोरी के मामले में फर्मों की जांच हो रही है। पीसीआई इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड रायबरेली में भी काम कर रही है। इसी कारण यहां पहुंचकर जांच की गई है। लखनऊ के दो कार्यालयों में भी जांच होगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।