लखनऊ की टीम ने घटनास्थल का किया निरीक्षण, जले हुए एसएनसीयू वार्ड की गहनता से की जांच
झांसी : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुए अग्निकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया। मेडिकल कॉलेज के स्पेशल चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) में आग लगने के कारण अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन बच्चे गंभीर स्थिति में भर्ती हैं। इस घटना के कारणों की जांच के लिए लखनऊ से चार सदस्यीय टीम सोमवार को झांसी पहुंची।
टीम ने की गहन जांच
लखनऊ से आई टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और करीब 35 मिनट तक जले हुए एसएनसीयू वार्ड की गहन जांच की। इसके बाद उन्होंने वार्ड 5 में भर्ती नवजातों के परिजनों से करीब 40 मिनट तक बातचीत की। टीम ने कुल मिलाकर साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ की, जिसमें 20 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान टीम ने सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए और बिजली विभाग के कर्मचारियों से घटना के बारे में जानकारी ली। टीम ने इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पूरी जानकारी एकत्र की है और कहा कि वे सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
अग्निकांड का कारण: शॉर्ट सर्किट
टीम की अध्यक्षता कर रही चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह ने इस हादसे के पीछे शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार बताया। उन्होंने बताया कि आग पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में लगी थी, जिसके बाद नजदीक के वेंटिलेटर में भी आग लग गई, जिससे यह भयावह हादसा हुआ।
बच्चों के स्वास्थ्य पर की गई चर्चा
चार सदस्यीय टीम ने पहले एसएनसीयू का निरीक्षण किया, इसके बाद 10 बेड के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
उप मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए इस अग्निकांड के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य भर के सभी अस्पतालों को नए सिरे से अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अस्पतालों में सुरक्षा ऑडिट से सामने आने वाली कमियों पर तत्काल एक्शन लिया जाए। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नियमित मॉक ड्रिल कराई जाए और उपकरणों की समय-समय पर जांच सुनिश्चित की जाए।