प्री-बोर्ड परीक्षा के माध्यम से छात्रों के प्रदर्शन को परखने और उन्हें सुधारने का अवसर दिया जाता है
उज्जैन, संवाददाता: माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्री-बोर्ड परीक्षा के पहले ही बच्चों के हाथ सारे प्रश्न-पत्र लग गए। कक्षा 10वीं-12वीं के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए। इस घटना से परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अनुचित रूप से किया जा रहा है, जिससे छात्रों की मेहनत और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता दोनों प्रभावित हुई हैं। इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कई फर्जी अकाउंट्स के जरिए प्रश्न-पत्र और समाधान साझा किए जा रहे हैं।इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने पत्रिका को बताया कि प्री-बोर्ड परीक्षाओं में आमतौर पर पेपर लीक जैसी घटनाएं नहीं होतीं, क्योंकि ये परीक्षाएं तो स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराना होता है। प्री-बोर्ड परीक्षा के पेपर स्कूल के शिक्षकों ने ही तैयार किए जाते हैं। इन्हें एक सीमित दायरे में संभाला जाता है। इसमें छात्रों के प्रदर्शन को परखने और उन्हें सुधारने का अवसर दिया जाता है। अगर कभी ऐसी घटनाओं की अफवाहें सुनने को मिलती हैं, तो वे ज्यादातर गलतफहमी या असत्यापित जानकारियों पर आधारित होती हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को अनावश्यक रूप से चिंतित करना हो सकता है। छात्रों को चाहिए कि वे ऐसी बातों पर ध्यान न दें और अपनी पढ़ाई पर फोकस करें। समय का सही उपयोग करते हुए ईमानदारी से तैयारी करने से ही सफलता मिलेगी।