धार्मिक और सांस्कृतिक मेला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण आयोजन है
प्रयागराज,संवाददाता : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में सोमवार को अमित शाह पहुंचे। उन्होंने बेटे जय शाह, पत्नी, बहू और पोतों के साथ दर्शन-पूजन किया। साधु-संतों ने उनपर संगम का जल छिड़का और उन्होंने स्नान किया। उनके साथ परिवार ने भी संगम में डुबकी लगाई।
रोज लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। यह धार्मिक और सांस्कृतिक मेला हिन्दू धर्म का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें श्रद्धालु साधु-संतों के उपदेश सुनने और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए जुटते हैं। महाकुंभ का महत्व इस बार और भी बढ़ गया है, क्योंकि 2025 में यह आयोजन विशेष धार्मिक संयोग के कारण ऐतिहासिक होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने स्नान के बाद किए हनुमान जी के दर्शन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो महाकुंभ के इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे (सोमवार सुबह 11:25 बजे वहां पहुंचे। उन्होंने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के बाद बड़े हनुमान जी मंदिर और अभयवट के दर्शन किए।
जूना अखाड़ा में संतों से मिले शाह
अमित शाह ने जूना अखाड़े के संतों और महंतों से मिल उनका आशीर्वाद पलिया और उनके साथ दोपहर का भोजन किया। इसके बाद वे गुरु शरणानंद जी के आश्रम गए, जहां गुरु शरणानंद जी और गोविंद गिरि जी महाराज से मुलाकात की। साथ ही श्रृंगेरी, पुरी और द्वारका के शंकराचार्यों के साथ बैठक की।
बाबा रामदेव से मुलाकात की
महाकुंभ मेला के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने एक निःशुल्क योग चिकित्सा और ध्यान शिविर का आयोजन किया है, जिसमें 7वें क्याब्जे योंगज़िन लिंग रिनपोछे भी शामिल हुए। अमित शाह ने अपने दौरे में बाबा रामदेव से मुलाकात की।
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होता है, लेकिन इस बार 144 साल के योग के बाद महाकुंभ हो रहा है। यह आयोजन 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक प्रयागराज में चल रहा है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। अमित शाह का यह दौरा महाकुंभ के धार्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है, साथ ही यह दिखाता है कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का प्रचार-प्रसार राजनीतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी कितने महत्वपूर्ण हैं।