विश्वविद्यालय और प्रदेश के 750 से अधिक तकनीकी संस्थानों के परीक्षा पैटर्न में आएगा बड़ा बदलाव
लखनऊ,संवाददाता : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में धूम मचाने लगा है। इस तकनीक का उपयोग छात्रों के प्रश्नपत्र तैयार करने में भी किया जाएगा, जिसे लेकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए भेजा गया है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो इससे विश्वविद्यालय और प्रदेश के 750 से अधिक तकनीकी संस्थानों के परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव आएगा।
एआई से प्रश्नपत्र तैयार करने का प्रस्ताव
एआई के माध्यम से एक प्रश्न बैंक तैयार किया जाएगा, जिसमें से प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। अब तक प्रश्नपत्रों की तैयारी का काम शिक्षकों पर था, जो समय और मेहनत दोनों की मांग करता था। साथ ही, प्रश्नपत्र की सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय को अतिरिक्त उपाय करने पड़ते थे। लेकिन एआई के इस्तेमाल से यह सब आसान हो जाएगा और सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी।
सुरक्षा और समय की बचत
अब तक प्रश्नपत्र लीक होने का खतरा बना रहता था, और कई बार पुराने प्रश्नों को ही दुहराया जाता था। साथ ही, प्रश्नपत्र की कठिनाई को लेकर भी विवाद होते थे। एआई से तैयार किए गए प्रश्नपत्र में यह समस्याएं नहीं होंगी, क्योंकि यह पूरी तरह से सुरक्षित होंगे और लीक होने का कोई खतरा नहीं रहेगा। एआई द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्र को कॉलेजों में भेजने और परीक्षा के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
छात्रों के लिए फायदेमंद
एआई से तैयार किए गए प्रश्नपत्रों का मुख्य फायदा यह होगा कि छात्रों को पुराने प्रश्नों के आधार पर अनुमान लगाने का मौका नहीं मिलेगा। इससे प्रश्नपत्र की कठिनाई का स्तर संतुलित रहेगा और छात्रों को वास्तव में अपनी मेहनत से परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। यह कदम मेहनती छात्रों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।