1750 सरकारी रेट, फिर भी 11 हजार की अलग से डिमांग, जवानों ने पत्थरबाजों को लाठियों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, तब बची सैकड़ों यात्रियों की जान
अमरनाथ/लखनऊ: पहलगाम के रास्ते अमरनाथ यात्रा करने वाले सौभाग्यशाली यात्रियों को तब दुर्भाग्य नजर आने लगा जब घोड़े वालों ने अधिक पैसे के विरोध पर यात्रियों पर पत्थरों से हमलाकर उन्हें लहूलुहान कर दिया। आंखों देखा मंजर सोचने मात्र से रूह तक कांप जाती है। संवाददाता की टीम अमरनाथ यात्रा पर थी। घोड़े वालों ने सरकारी रेट के अतिरिक्त यात्रियों से पांच से 20 हजार तक अलग से डिमांग की, विरोध पर घुड़सवारों ने भारी संख्या में एकजुट होकर स्ट्राइक कर दी। इसी बीच नारेबाजी करते हुए यात्रियों की ओर बढ़े और देखते ही देखते उन्हें घेरकर बड़े-बड़े पत्थरों से अचानक हमला बोल दिया।
चारों ओर से घिरे यात्रियों पर अचानक हुए पथराव से उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला। हमले में कई यात्री घायल हुए। वीडियो में साफतौर से देखा जा सकता है कि महाराष्ट्र के अशोक कुमार को सिर में पत्थर लगा, गंभीर रूप से घायल हो गए, उनकी पत्नी लोगों से मदद की गुहार लगातीं रहीं। उन्हें प्रारंभिक उपचार तक न मिल सका, जैसे तैसे उन्होंने मौके पर अपनी जान बचाई, आगे भगवान मालिक। यहां कई ने छिपकर अपनी जान बचाई। वीडियों बना रहे कई लोगों के मोबाइल फोन तोड़ दिए गए।
गनीमत थी कि आर्मी और अर्द्धसैनिकल बल के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया, नहीं तो कई निर्दोष यात्री मारे जाते। 1750 घोड़े से यात्रा का सरकारी रेट, मांग कर रहे थे पांच से बीस हजार तक महाराष्ट्र के अशोक कुमार, राजस्थान के महेंद्र सोनी, लखनऊ से संदीप पांडेय, दिल्ली से राहुल मिश्रा समेत सैकड़ों यात्री बताते हैं शेषनाग से पंचतरणी तक करीब 10.5 किलोमीटर की यात्रा करने पहुंचे थे। उन्होंने सरकारी पर्ची का रेट 1750 और 2450 रुपये था, जो घोड़े वालों को देकर इतने ही पैसे में यात्रा कर सकते थे, लेकिन घोड़े वालों ने पांच से 20 हजार तक रुपये की डिमांड कर दी थी। जिसका सभी यात्री विरोध करने लगे और बढ़ता विरोध देख घुड़सवारों ने पत्थरा शरू कर दिया।