भारतीय कला के विविध रूपों को किया गया प्रस्तुत
लखनऊ संवाददाता: शनिवार को फीनिक्स पलासियो के साउथ एट्रियम परिसर में फ्लोरेंसेंस आर्ट गैलरी एवं फीनिक्स पलासियो के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ स्पेक्ट्रम–2025 आर्ट फेयर का शुभारंभ प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद ने किया। उन्होंने प्रदर्शित कलाकृतियों का अवलोकन कर सभी कलाकारों के कार्यों की सराहना की।
गैलरी की निदेशक नेहा सिंह और संजीव सरीन ने बताया कि यह आयोजन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि कल्पना, संवाद और नवाचार का उत्सव है। इसका उद्देश्य कला को ऐसी साझा भाषा बनाना है, जो कलाकार और दर्शक के बीच की दूरी मिटाकर एक संवेदनशील संवाद स्थापित करे।
अनुभव से एक रचनात्मक संगम का रूप दिया है। भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि फ्लोरेंसेंस आर्ट गैलरी की स्थापना 2019 में हुई थी। यह केवल एक प्रदर्शन स्थल नहीं, बल्कि एक सृजनात्मक आंदोलन है।
राजेश कुमार ने बताया कि यह आर्ट फेयर 30 नवम्बर तक चलेगा। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हैदराबाद, देहरादून, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, केरल और आंध्र प्रदेश सहित 15 राज्यों के वरिष्ठ एवं युवा कलाकार भाग ले रहे हैं।
प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की कोहबर कला, बिहार की मधुबनी, मध्य प्रदेश की भील और गोंड कला, राजस्थान की पिछवई और फड़ पेंटिंग, हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी मिनिएचर, केरल की म्यूरल और पश्चिम बंगाल की पटचित्र जैसी पारंपरिक कलाओं के साथ समकालीन भारतीय कला के विविध रूपों को भी प्रस्तुत किया गया है। आयोजन में चित्र, मूर्तिशिल्प, सिरामिक, म्यूरल, छापाचित्र, लघु शिल्प, फोटोग्राफी, टेक्सटाइल और असम के मजुली मास्क के साथ वॉश शैली के चित्र भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।





















