कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर नारेबाजी की, डीएम को दिया ज्ञापन
लखनऊः किसानों के सब्र का बांध शुक्रवार को टूट गया। दरअसल वर्ष 2012 से किसानों की जमीनों का सर्किल रेट नहीं बढ़ा।नियमानुसार हर दो साल में सर्किल रेट बढ़ जाना चाहिए। इसी के विरोध में किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर नारेबाजी की। जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को ज्ञापन भेजा।
किसानों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण और लखनऊ आवास विकास के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेसी नेता वेद प्रकाश ने समर्थन दिया। वेद प्रकाश ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है। आज सबसे ज्यादा इन्हीं के साथ अन्याय हो रहा है।सरकार की नीतियों और विभागों की लापरवाही से भी किसान परेशान हैं। लखनऊ के आसपास जो किसानों की जमीन है उस पर लाल निशान लगा दिया गया है। किसान विरोधी सरकार उनकी जमीनों को कौड़ियों के भाव लेना चाह रही है।
किसान आलोक कुमार ने बताया कि साल 2012 के बाद से किसानों की जमीन का सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। नियम के अनुसार हर दो साल में सर्किल रेट बढ़ जाना चाहिए। किसानों से सस्ते में जमीन खरीद कर सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों को देना चाहती है। किसान विकास विरोधी नहीं है। उसकी जमीन का सही मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
पेट्रोल, डीजल, स्कूल फीस, दवा सब का दाम बढ़ रहा है। बस किसान की फसलों और जमीनों का दाम घट रहा है। सभी किसानों की मांग है कि मूल्यांकन करके 12 सालों का सर्किल रेट बढ़ाना चाहिए। जो किसान भूमिहीन हो रहे हैं उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए।