संगठन हमेशा इंदौर जैसे महत्वपूर्ण जिले में गुटीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है
मध्य प्रदेश,संवाददाता : भाजपा में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर तकरार तेज हो गई है, जिसके कारण नियुक्तियों की घोषणा में देरी हो रही है। इंदौर ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए विवाद सामने आया है, जहां मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है। मंत्री विजयवर्गीय इंदौर ग्रामीण अध्यक्ष पद पर चिंटू वर्मा को फिर से बैठाने के लिए अड़े हुए हैं, जबकि आखिरी समय में सुमित मिश्रा के नाम पर समर्थन किया गया है, जिससे गुत्थी उलझती नजर आ रही है। प्रदेश भाजपा संगठन हमेशा इंदौर जैसे महत्वपूर्ण जिले में गुटीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश करता है, जिससे कि ग्रामीण और नगर अध्यक्ष अलग-अलग खेमे से चुने जाते रहे हैं। इस बार मंत्री विजयवर्गीय दोनों पदों पर अपने समर्थकों को रखना चाहते हैं। रायशुमारी में टीनू जैन, आकाश विजयवर्गीय और सुमित मिश्रा के नाम सामने आए थे, जिसमें जैन के नाम पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का समर्थन था। मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक उषा ठाकुर और मनोज पटेल ने रायशुमारी में अंतर दयाल के नाम पर समर्थन किया, लेकिन विजयवर्गीय ने अपने समर्थक चिंटू वर्मा को अध्यक्ष बनाने के लिए अड़ जाना। दूसरी तरफ विधायक रमेश मेंदोला के माध्यम से सुमित मिश्रा के नाम को आगे किया गया, जिन्हें विधायक मनोज पटेल और महेंद्र हार्डिया का भी समर्थन मिला है।
विरोधी खेमा सक्रिय
इस घटनाक्रम के बाद विरोधी खेमा भी सक्रिय हो गया है। उसने एमआइसी सदस्य जीतू यादव को मुद्दा बनाकर मंत्री विजयवर्गीय और उनके समर्थकों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और महापौर पुष्यमित्र भार्गव का गुट ऐसा काम कर रहा है, जिससे इंदौर में भाजपा की स्थिति बिगड़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक, विधायक मेंदोला ने विजयवर्गीय के कहने पर रायशुमारी में टीनू जैन का नाम तीसरे नंबर पर दिलवाया था, लेकिन वे इसे पसंद नहीं करते। अब वे चाहते हैं कि उनके कट्टर समर्थक सुमित मिश्रा को यह पद दिया जाए।