अनुभवी और संगठन पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता के हाथ में दिया जाएगा पार्टी का नेतृत्व
नई दिल्ली,संवाददाता : दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर राजनीतिक गलियारों में गर्म बहस हो रही है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है और पार्टी संगठनात्मक चुनाव के अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। ऐसे में अगले महीने तक बीजेपी को उसका नया अध्यक्ष मिल सकता है।
जेपी नड्डा के सफल कार्यकाल के बाद, पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामों पर चर्चा जोरों पर है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी को एक नए विजन और रणनीति की जरूरत होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किस नेता को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपती है।
बीजेपी अध्यक्ष की रेस में ये तीन नेता
भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर और धर्मेंद्र प्रधान सबसे आगे हैं। हालांकि, इनके अलावा केशव प्रसाद मौर्य, राजीव चंद्रशेखर, स्मृति ईरानी, कैलाश विजयवर्गीय, सीटी रवि, सर्वानंद सोनोवाल जैसे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। पार्टी का नेतृत्व एक अनुभवी और संगठन पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता के हाथ में दिया जाएगा, जो 2029 तक पार्टी को मजबूती से आगे ले जा सके।
जेपी नड्डा का कार्यकाल और बीजेपी की सफलता
जेपी नड्डा ने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद अमित शाह से पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभाला। उनके कार्यकाल में पार्टी ने 26 चुनावी जीत हासिल की, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव शामिल हैं। बीजेपी ने कई राज्यों में चुनाव जीते, जैसे उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, झारखंड, असम और त्रिपुरा। हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 2018 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2023 में इन राज्यों में बीजेपी ने सत्ता फिर से हासिल की।
लोकसभा चुनाव 2024 और बीजेपी की चुनौतियां
जेपी नड्डा के कार्यकाल में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को झटका लगा। 2019 में मिली 303 सीटों के मुकाबले 2024 में पार्टी 240 सीटों पर सिमट गई। हालांकि, बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए एनडीए के अन्य दलों के साथ गठबंधन किया, लेकिन यह साफ है कि नए अध्यक्ष को पार्टी के आधार को मजबूत करने और 2029 की तैयारी में जुटना होगा।
नए अध्यक्ष के सामने बड़ी चुनौतियां
- दक्षिण भारत में पार्टी का प्रदर्शन सुधारना – नए अध्यक्ष को दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत करना होगा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, और केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में पार्टी को सुधारने की जरूरत है।
- 2025-26 के विधानसभा चुनावों की तैयारी – बिहार, असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनानी होगी।
- संगठन को मजबूत करना – राज्यों में पार्टी कैडर को सक्रिय करना और एनडीए सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बनाना जरूरी होगा।
- नई रणनीति और नेतृत्व – विपक्षी दलों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पार्टी को नई चुनावी रणनीति बनानी होगी।
बीजेपी में अब तक 11 नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभाला
- अटल बिहारी वाजपेयी (1980-86)
- लाल कृष्ण आडवाणी (1986-90, 1993-98, 2004-05)
- डॉ. मुरली मनोहर जोशी (1991-93)
- कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000)
- बंगारू लक्ष्मण (2000-01)
- जना कृष्णमूर्ति (2001-02)
- एम. वेंकैय्या नायडू (2002-04)
- राजनाथ सिंह (2005-09, 2013-14)
- नितिन गडकरी (2010-13)
- अमित शाह (2014-20)
- जगत प्रकाश नड्डा (2020- अब तक)