एक ई-बस केवल ढाई घंटे में चार्ज होकर तय कर सकती है 160 किलोमीटर की दूरी
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने 2025 तक अपने बेड़े में सौ इलेक्ट्रिक बसें (ई-बसें) शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम विशेष रूप से अगले साल प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। ई-बसें पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होंगी और श्रद्धालुओं को एक सुविधाजनक, पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी। 150 करोड़ रुपये की लागत से सौ ई-बसों का ऑर्डर दिया गया है। इन बसों को चेन्नई से उत्तर प्रदेश लाया जाएगा, और जनवरी 2025 तक पहले चरण में 40 ई-बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। इसके बाद धीरे-धीरे कुल सौ बसें बेड़े में जुड़ेंगी। महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश रोडवेज प्रशासन ने 7,000 बसों के संचालन का निर्णय लिया है, जिनमें 350 रोडवेज बसें और 200 सिटी बसें शटल सेवा के रूप में संचालित होंगी। इनका उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है।
चार्जिंग क्षमता: एक ई-बस केवल ढाई घंटे में चार्ज होकर 160 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है।
चार्जिंग प्वाइंट: मेला क्षेत्र में दो चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रदूषण मुक्त: ई-बसें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने के कारण पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं।
महाकुंभ के बाद, रोडवेज प्रशासन 120 अतिरिक्त ई-बसें भी अपने बेड़े में शामिल करेगा, जिनमें 20 डबल डेकर बसें होंगी, जो अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चलाई जाएंगी। इन क्षेत्रों में भी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जाएंगे। प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा का खास ध्यान रखा जाएगा। ई-बसों के संचालन से प्रदूषण कम होगा और यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। महाकुंभ के बाद, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद जैसे शहरों में ई-बसों का संचालन किया जाएगा, जबकि लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों में डबल डेकर बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रिक बसों के जरिए प्रदूषण मुक्त यात्रा सुनिश्चित की जाएगी।