कई राज्यों के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और सचिव होंगे शामिल
जैसलमेर,संवाददाता : आज, 21 दिसंबर को, राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक शुरू होने जा रही है। यह बैठक दो सत्रों में आयोजित की जाएगी। पहला सत्र सुबह 11 बजे से 1:45 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर 4:30 बजे तक चलेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और सचिव शामिल होंगे। यह बैठक देश की कर प्रणाली को सरल बनाने और व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में जीएसटी स्लैब से संबंधित अहम फैसले किए जा सकते हैं। प्रस्ताव है कि वर्तमान में 28% तक के अधिकतम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 35% किया जा सकता है, जिससे प्रीमियम और लग्जरी उत्पादों पर कर दर में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने पर भी चर्चा हो सकती है।सीतारमण ने राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे राज्यों को पूंजी निवेश में सहायता मिली है। केंद्र ने इस योजना के तहत 30,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की है, जिसका उपयोग राज्यों में बुनियादी ढांचे के निर्माण और सुधार के लिए किया जा सकता है। इस बैठक का उद्देश्य जीएसटी प्रणाली को और अधिक कुशल और समावेशी बनाना है। कर संग्रह में सुधार, टैक्स स्लैब में बदलाव, और व्यापारियों को राहत देने के अलावा, यह बैठक देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स में कमी लाने का भी प्रस्ताव चर्चा में रहेगा। 5 लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को माफ किए जाने की संभावना है, हालांकि 5 लाख से अधिक कवर वाली पॉलिसी पर यह छूट लागू नहीं होगी। इसका उद्देश्य बीमा योजनाओं को किफायती बनाना और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर वर्तमान 18% जीएसटी को घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उच्च टैक्स लगाने के लिए 35% का नया स्लैब पेश किए जाने की संभावना है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसलमेर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में बजट 2025-26 के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत राज्यों को हस्तांतरित धनराशि 14वें वित्त आयोग के तहत 60 महीनों में हस्तांतरित राशि से अधिक है।