आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बजाय पीछे के दरवाजे से लाया गया और हिरासत में लिया गया
भोपाल,संवाददाता : 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद के मामले में मोस्ट वांटेड सौरभ शर्मा को आखिरकार 41 दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सौरभ शर्मा ने सोमवार सुबह करीब 11 बजे लोकायुक्त ऑफिस में आत्मसमर्पण किया, जहां उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे जिला अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी पूछताछ जारी है। इस घटना के बाद भोपाल जिला अदालत में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, और पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई थी। मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ भी देखी गई। सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर कई अफवाहें और कयास भी लगाए जा रहे हैं कि अब वह कई बड़े राज़ खोल सकता है।
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ को फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया। उसे कोर्ट में पेश करने के बजाय पीछे के दरवाजे से लाया गया और हिरासत में लिया गया। इस पर सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त पुलिस ने सरेंडर से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया, जो अवैध था। राकेश पाराशर ने दावा किया कि उन्होंने कोर्ट से सौरभ के सरेंडर की अनुमति ली थी, और लोकायुक्त पुलिस ने इसे नजरअंदाज किया। सोमवार को सौरभ शर्मा के सरेंडर की खबर के बाद जिला कोर्ट में दिनभर गहमा-गहमी का माहौल रहा। वकील राकेश पाराशर के साथ सौरभ ने तीन जांच एजेंसियों को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर किया था, लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने इसे अपने तरीके से हैंडल किया।