भारत को बचाने के लिए संत करेंगे धर्म संसद
प्रयागराज,संवाददाता : बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ मेले में परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान आध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई, जिसमें दोनों संतों ने धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस अवसर पर कहा, “यह त्रिवेणी का संगम है, संतों का, भक्तों का, स्वामी और सेवक का, भगवान और भक्त का संगम है। स्वामी चिदानंद महाराज महाकुंभ में सभी संतों का महासंगम कर रहे हैं। 30 जनवरी को राष्ट्र के लिए और हिंदुत्व के जागरण के लिए धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। यह एक अनूठा अनुभव है और कल्पना से परे है। यहां सभी संत और महात्मा भजन कर रहे हैं, और वह भी तब जब उनमें से कुछ के पास कोई सुविधा नहीं है।”
स्वामी चिदानंद सरस्वती का संदेश
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस महाकुंभ में अपने विचार साझा करते हुए कहा, “यह भारत का बहुत बड़ा पर्व है, लोकतंत्र का पर्व है और यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि सनातन है तो भारत है और भारत है तो सनातन है। सनातन नहीं तो संगम नहीं और धर्मनिरपेक्षता नहीं। यह सब तभी बचेगा जब सनातन बचेगा। इस विशाल पर्व पर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि सनातन को बचाना होगा। अपने भीतर डुबकी लगानी होगी और सोचना होगा कि क्या आप अपनी जड़ों और नैतिकता से जुड़े हुए हैं या धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं।”
महाकुंभ में आस्था का ज्वार
मौनी अमावस्या से पहले ही प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी है। शनिवार और रविवार की छुट्टी का असर साफ दिखाई दे रहा है, और हर दिशा से श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं। रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप और हाइवे पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा जा सकता है। पिछले दो दिनों (शुक्रवार और शनिवार) में ही सवा करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया है।
मौनी अमावस्या पर दस करोड़ श्रद्धालुओं का अनुमान
मौनी अमावस्या के दिन लगभग दस करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मेला प्रशासन और कुंभ पुलिस ने श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है और संगम तटों पर बैरिकेडिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है।