हफ्ते में 60 घंटे से अधिक काम करने से स्वास्थ्य पर पड़ सकता है प्रतिकूल प्रभाव
नई दिल्ली,संवाददाता : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश किया। सर्वेक्षण में भारत की वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि 6.3-6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत भी दिए हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा को देश की प्रगति के आठ प्रमुख स्तंभों में एक माना गया है। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत को ‘वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति’ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, सर्वेक्षण में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। अध्ययनों के अनुसार, हफ्ते में 60 घंटे से अधिक काम करने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
श्रमिकों का वेतन घटा
वित्त मंत्री ने सर्वेक्षण में बताया कि श्रमिकों का औसत वेतन पिछले कुछ वर्षों में घटा है। 2023-24 में पुरुष स्व-नियोजित श्रमिकों का मासिक वेतन 2017-18 के मुकाबले 9.1% घटकर 8,591 रुपये हो गया। महिला स्व-नियोजित श्रमिकों के लिए यह 32% घटकर 2,950 रुपये रह गया। इसी तरह, पुरुष वेतनभोगी श्रमिकों का वेतन भी 6.4% घटकर 11,858 रुपये और महिला वेतनभोगी श्रमिकों का वेतन 12.5% घटकर 8,855 रुपये रह गया।
एमएसएमई क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता
आर्थिक सर्वेक्षण में केंद्र और राज्य सरकारों से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सुधार लागू करने की आवश्यकता बताई गई है। साथ ही, व्यापारों को कुशल बनाने और विकास के नए अवसर खोलने के लिए नियामक बोझ को कम करने का सुझाव भी दिया गया है।
शिक्षा में सुधार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
शिक्षक विकास और छात्र शिक्षण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर जोर दिया गया है। इसके तहत, ‘टीचर्सऐप’ डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है। उच्चतर शिक्षा में वर्ष 2035 तक नामांकन को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए शैक्षिक नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर को दोगुना करने की आवश्यकता है।
महंगाई नियंत्रण में
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि महंगाई काबू में है। वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में औसत महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 24 के 5.4 प्रतिशत से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 2026 तक चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी।
कृषि क्षेत्र की बेहतरी
कृषि क्षेत्र में भी सुधार के संकेत हैं। 2024 में खरीफ सीजन का खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 लाख मीट्रिक टन अधिक है। पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिल चुका है।
‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए भारत के ‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओर बढ़ने की बात कही। इसके तहत, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में ‘इंडिया एआइ मिशन’ की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही, भारत ने दुनिया में अपनी छवि को और मजबूत किया है, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।