1935 में फ्रेंडशिप डे अमेरिका की मिसाल हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक जॉयस हॉल ने पेश की, भारत में तो आज के दिन लोग श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह मनाएँ मित्रता दिवस
विनय वर्मा, लखनऊः अगस्त के पहले रविवार को यानी आज का दिन हम मित्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। मित्रता दिवस का कल्चर विदेश से भारत में अपनाया गया। वैसे तो श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता इस विदेशी कल्चर से हज़ारों वर्ष पहले अपने देश में अपनाई जा चुकी थी, लेकिन विदेशी कल्चर हमारे ऊपर ऐसा हावी हुआ कि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति ही भूलते चले गए।
भारत में तो श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल देते हुए मित्रता दिवस मनाना चाहिए। इससे हमें मित्रता के लिए किसी विदेशी कल्चर को अपनाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
मित्रता दिवस के इतिहास पर एक नजर- वर्ष 1935 में फ्रेंडशिप डे की अवधारणा पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक जॉयस हॉल द्वारा पेश की गई थी।
वर्ष 1958 में पहला फ्रेंडशिप डे 30 जुलाई को दक्षिण अमेरिका के पैराग्वे में मनाया गया, जब डॉ. रेमन आर्टेमियो ब्राचो ने लोगों के बीच दोस्ती और एकता को बढ़ावा देने का विचार प्रस्तावित किया था।
वर्ष 1960-1970 के दशक में फ्रेंडशिप डे ने एशिया में लोकप्रियता हासिल की, खासकर भारत में, जहां यह अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता था।
वर्ष 1997 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शांति और समझ को बढ़ावा देने के लिए 30 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस के रूप में घोषित किया।
वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने तारीख बदलकर 30 जुलाई कर दी और 27 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस (एकजुटता) के रूप में मान्यता दी।
वर्तमान दिन: अगस्त के पहले रविवार को विश्व स्तर पर फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, जिसमें लोग उपहार, संदेश और साथ में गुणवत्तापूर्ण समय बिताकर अपने दोस्तों की सराहना करते हैं। ये आपके नए पुराने दोस्तों के लिए खास है, आप अपने अंदाज में अपने दोस्तों को शुभकमनाएं दे सकते हैं। आइए आप हमारे साथ अपने दोस्तों से साथ बिताये हुए अपनी तस्वीर को आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं और हम आपकी यादों को अपनी वेबसाइट और सोशल हैंडल पर जगह देंगे।
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