व्हाइट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था में शामिल हैं आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित एजेंट और भारी वित्तीय संसाधन
दिल्ली,संवाददाता : 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे और फिर व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे। व्हाइट हाउस अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और कार्यस्थल होता है, जिसकी सुरक्षा अमेरिकी सरकार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस की सुरक्षा मुख्य रूप से यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस के जिम्मे होती है, जिसमें लगभग 7,000 एजेंट और अधिकारी शामिल हैं। इनका मुख्य कार्य राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, उनके परिवारों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
व्हाइट हाउस की सुरक्षा तीन प्रमुख लेयरों में बांटी जाती है:
- पहली लेयर: राष्ट्रपति के प्रोटेक्टिव डिविज़न एजेंट्स
- दूसरी लेयर: सीक्रेट सर्विस एजेंट्स
- तीसरी लेयर: पुलिस सुरक्षा
इसके अलावा, व्हाइट हाउस में अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण, हजारों सीसी कैमरे और अन्य हाई-टेक सुविधाएं भी मौजूद हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में, जैसे हमले के दौरान, सिचुएशन रूम का इस्तेमाल किया जाता है, जहां से राष्ट्रपति और उनके सलाहकार किसी भी संकट से निपटने की तैयारी करते हैं। व्हाइट हाउस की सुरक्षा में खर्च भी बहुत अधिक होता है, जैसे 2017 में डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा पर 120 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई गई थी।
इसमें आधा बजट सीक्रेट सर्विस के लिए था, जबकि अन्य खर्च राष्ट्रपति के दौरों और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए था। न्यूयॉर्क में डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की सुरक्षा के लिए हर दिन 1,00,000 डॉलर खर्च होते थे, और जब राष्ट्रपति शहर में होते थे, तो यह खर्च बढ़कर 3,00,000 डॉलर तक पहुंच जाता था। व्हाइट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीक्रेट सर्विस का वार्षिक बजट लगभग 27,000 करोड़ रुपये है, जिससे राष्ट्रपति की सुरक्षा, उपराष्ट्रपति और उनके परिवारों की सुरक्षा, और अन्य कार्यों को पूरा किया जाता है।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति अपनी सभी महत्वपूर्ण बैठकें और निर्णय लेते हैं। इसके अलावा, व्हाइट हाउस का “लिंकन बेडरूम” ऐतिहासिक महत्व का है और मेहमानों के लिए उपयोग में लाया जाता है। व्हाइट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित एजेंट और भारी वित्तीय संसाधन शामिल हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी आतंकी संगठन के लिए इसे हैक या हाइजैक करना असंभव हो।