ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक – 27 नवम्बर 2024
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत –1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वादशी 28 नवम्बर सुबह 06:04 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र – चित्रा पूर्ण रात्रि तक
योग – आयुष्मान शाम 04:42 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – दोपहर 12:00 से दोपहर 01:30 तक
सूर्योदय 06:42
सूर्यास्त – 5:18
दिशाशूल – उत्तर दिशा
इस दिन भूल से भी तुलसी का पेड किसी को देने से घर से समृद्धि चली जाती है |
प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 28 नवम्बर, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है,
जानिए ऐसे करें व्रत व पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें। भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं।
आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं
भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
ये उपाय करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*