ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
दिनांक: 12 अप्रैल 2025
दिन: शनिवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: उत्तरायण
ऋतु: वसंत
मास: चैत्र
पक्ष: शुक्ल
तिथि: पूर्णिमा — 13 अप्रैल प्रातः 04:27 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र: हस्त — सायं 05:14 तक, तत्पश्चात चित्रा
योग: व्याघात — रात्रि 07:56 तक, तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल: प्रातः 09:00 से 10:30 तक
सूर्योदय: 05:44
सूर्यास्त: 06:16
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत एवं पर्व विवरण: व्रत पूर्णिमा, चैत्री पूर्णिमा, वैशाख स्नान आरंभ, श्री हनुमान जन्मोत्सव
विशेष: हनुमान जन्मोत्सव
संदेश: जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी विरोधी परेशान करता है तो कभी किसी परिजन को बीमारी घेर लेती है। ऐसी परिस्थितियों में हनुमानजी की आराधना से सभी संकटों का निवारण संभव है। आज, 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव है। यह दिन हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत शुभ अवसर है।
मंत्र: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
जप विधि:
- प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुलदेवता का स्मरण करें।
- कुश के आसन पर बैठकर, पारद हनुमान प्रतिमा के समक्ष जप करें।
- जप के लिए लाल मूंगे की माला का प्रयोग करें।
- प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को भी यह जप लाभकारी होता है।
वैशाख मास स्नान आरंभ
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख मास का पुण्यकाल प्रारंभ होता है, जो पूरे मास चलता है। इस वर्ष यह 12 अप्रैल, शनिवार से आरंभ हो रहा है। स्कंदपुराण में वैशाख मास को अत्यंत पुण्यदायक कहा गया है।
विधि:
- सूर्योदय से पूर्व तीर्थ, नदी, सरोवर या घर पर स्नान करें।
- स्नान के उपरांत अर्ध्य देते समय यह मंत्र पढ़ें:
“वैशाखे मेषगे भानौ प्रातः स्नानपरायणः।
अर्ध्यं तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।”
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें।
- एक समय भोजन करें।
- जलदान, पंखा, फल, अन्न, एवं प्याऊ की स्थापना पुण्यदायी मानी गई है।
वर्जित कार्य (स्कंदपुराण अनुसार):
- तेल लगाना
- दिन में सोना
- कांसे के बर्तन में भोजन
- दिन में दो बार भोजन
- रात में भोजन करना
देवता: इस मास के अधिदेवता भगवान मधुसूदन हैं।