ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 01 फरवरी 2025
दिन: शनिवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: उत्तरायण
ऋतु: शिशिर ऋतु
मास: माघ
पक्ष: शुक्ल
तिथि: तृतीया (दोपहर 02:00 तक, तत्पश्चात चतुर्थी)
नक्षत्र: पूर्वभाद्रपद (02 फरवरी सुबह 5:12 तक, तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद)
योग: परिघ (सायं 3:00 बजे तक, तत्पश्चात शिव)
राहुकाल: सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक
सूर्योदय: 06:34
सूर्यास्त: 05:26
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण:
- ब्रह्म पुराण के 118वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं: “मेरे दिन, अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे और मुझसे कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रात: काल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।”
- शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई और ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
- हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
वसंत पंचमी पर विशेष:
- कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु: जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहा हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जलाकर उस वृक्ष की 5 परिक्रमा करनी चाहिए। इस प्रयोग से कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है।
गुप्त नवरात्रि में लक्ष्मी प्राप्ति के लिए:
- वसंत पंचमी 03 फरवरी 2025 सोमवार को है। इस दिन सारस्वत्य मंत्र के साथ सरस्वती माँ का पूजन करें। सफेद गाय का दूध या गाय के दूध की खीर बना कर माँ सरस्वती को भोग लगाएं। सफेद पुष्पों से पूजन करें। जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है, वे इस दिन जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप करें, तो वे प्रतिभासंपन्न बनेंगे।
वसंत पंचमी:
- यह सरस्वती माँ के आविर्भाव का दिवस है। जो भी पढ़ाई करते हैं, वे शास्त्रों का आदर-सत्कार करें और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करें। इससे पढ़ाई-लिखाई में सफलता प्राप्त होगी।