ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 09 जनवरी 2025, गुरूवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: शिशिर ऋतु
मास: पौष
पक्ष: शुक्ल
तिथि: दशमी प्रातः 11:30 तक, तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र: भरणी (दोपहर 02:40 तक), तत्पश्चात कृत्तिका
योग: साध्य (शाम 05:26 तक), तत्पश्चात शुभ
राहुकाल: दोपहर 01:30 से शाम 03:00 तक
सूर्योदय: 06:45
सूर्यास्त: 05:15
दिशाशूल: दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण:
एकादशी व्रत के लाभ
आज 09 जनवरी 2025 को प्रातः 11:30 से 10 जनवरी 2025 को सुबह 9:22 तक एकादशी रहेगी। एकादशी का पारण 11 जनवरी 2025 शनिवार को सुबह 8:30 बजे से पहले करें। 11 जनवरी को शनि प्रदोष भी है।
विशेष:
एकादशी व्रत के लाभ:
- एकादशी का व्रत सूर्यग्रहण में दान से भी अधिक पुण्य देता है।
- यह व्रत पितरों को नीच योनि से मुक्ति दिलाता है और घर में सुख-शांति लाता है।
- घर में धन-धान्य और संतति की वृद्धि होती है, कीर्ति और भक्ति बढ़ती है।
- इस व्रत से परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है।
धार्मिक महत्व:
पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि ने एकादशी का व्रत किया, जिससे उन्हें समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिव ने कहा है कि एकादशी व्रत करने से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
एकादशी के दिन करने योग्य कार्य:
- यदि विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ संभव न हो, तो 10 माला गुरुमंत्र का जप करें।
- घर में झगड़े होते हों, तो संकल्प करके विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे घर के झगड़े समाप्त हो सकते हैं।
एकादशी के दिन सावधानी:
- वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्तियों को चावल का त्याग करना चाहिए।
- चावल खाने से धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पाप लगता है, जैसा कि डोंगरे जी महाराज ने कहा है।