ज्योतिष आचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र
विवाह में 36 गुणों का मिलान क्यों है महत्वपूर्ण?
विवाह के बाद वर और वधु के जीवन में सुख-समृद्धि, संतान सुख, धन दौलत में वृद्धि और दीर्घ आयु की प्राप्ति के लिए दोनों पक्षों की जन्मकुंडली का मिलान किया जाता है। मुहूर्तचिंतामणि ग्रंथ में वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी— ये आठ कूट (अष्टकूट) विवाह के गुण मिलान में शामिल हैं। इन आठ कूटों का सही मिलान न होने पर जीवनभर के लिए विवाह में समस्याएं आ सकती हैं।
36 गुणों का मिलान कैसे होता है?
अष्टकूट में निम्नलिखित कूटों का मिलान किया जाता है:
- वर्ण (1 गुण)
- वश्य (2 गुण)
- तारा (3 गुण)
- योनि (4 गुण)
- मैत्री (5 गुण)
- गण (6 गुण)
- भकूट (7 गुण)
- नाड़ी (8 गुण)
विशेष ध्यान देने योग्य दोष:
- नाड़ी दोष: नाड़ी दोष से सेहत और संतान उत्पत्ति पर प्रभाव पड़ता है। वर और वधु की नाड़ी यदि एक हो, तो विवाह तभी करें जब नक्षत्र अलग हो या बृहस्पति की स्थिति अच्छी हो।
- मंगल दोष: मंगल दोष वाले व्यक्ति के लिए विशेष पूजा की आवश्यकता होती है। हनुमान जी और कुमार कार्तिकेय की पूजा से यह दोष शांत किया जा सकता है।
- भकूट दोष: यदि राशियों के संबंध द्विद्वासः, पसंदास्थाक या नवपंचक होते हैं, तो भकूट दोष उत्पन्न होता है।
- गण दोष: यदि गण का तालमेल सही नहीं होता, तो विवाह में असमंजस उत्पन्न हो सकता है। राक्षस और मानव गण का विवाह सबसे अनुचित माना जाता है।
- ग्रह मैत्री: वर और वधु के ग्रहों की मैत्री सर्वोत्तम होनी चाहिए, अन्यथा वैवाहिक जीवन में समस्याएं हो सकती हैं।
- वर्ण: स्वभाव और मानसिक मेल का महत्व है। ये चार प्रकार के होते हैं— ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
- वश्य: वश्य का संबंध व्यक्ति की मूल प्रवृत्तियों से होता है। 5 प्रकार के वश्य होते हैं— चतुष्पाद, कीट, वनचर, द्विपाद और जलचर।
- तारा: वर और वधु के नक्षत्रों की तारा का मिलान किया जाता है। विपत, प्रत्यरि, और वध तारा से बचना चाहिए।
- योनि: यह संभोग के लिए मानसिक मेल का निर्धारण करती है। 13 योनियों का मिलान किया जाता है।
36 गुण मिलाने पर विवाह का भविष्य:
जब 18 से 21 गुण मिलते हैं तो मिलान मध्यम माना जाता है, जबकि 22 से अधिक गुण मिलाना उत्तम होता है। 36 में 36 गुण मिलना अत्यंत दुर्लभ माना जाता है, जैसे कि भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह में 36 गुण मिलाए गए थे। विवाह के लिए कुंडली मिलान करते समय इन सभी पहलुओं का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि जीवनभर सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।