घर में हमेशा ताजे और स्वस्थ तुलसी के पौधे ही लगाना चाहिए
डॉ उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : अधिकांश घरों में तुलसी का पौधा अवश्य ही पाया जाता है। तुलसी को घर के आंगन में लगाना एक प्रथा है, जो हजारों साल पुरानी है। इसे देवी रूप माना जाता है और मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से घरवालों को बुरी नजर नहीं लगती और अन्य बुराइयां भी घर से दूर रहती हैं।
तुलसी का पौधा घर का वातावरण पवित्र और कीटाणुओं से मुक्त बनाता है।
लेकिन कभी-कभी यह पौधा किसी कारणवश सूख जाता है, तो इसे घर में रखना शुभ नहीं माना जाता। सूखा हुआ तुलसी का पौधा किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए और फिर नया तुलसी का पौधा लगा लेना चाहिए। इसके अलावा, सूखे हुए तुलसी के पौधों और भगवान में चढ़ाए गए फूलों को आंगन में मिट्टी के नीचे दबा देना चाहिए। ये बाद में खाद में परिवर्तित होकर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
तुलसी का धार्मिक महत्व तो है ही, इसके अलावा विज्ञान की दृष्टि से भी यह एक महत्वपूर्ण औषधि है। आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है। तुलसी में ऐसे गुण होते हैं जो बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक हैं।
तुलसी का पौधा घर में रहने से इसकी सुगंध वातावरण को शुद्ध करती है और हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। तुलसी की सुगंध हमें श्वास संबंधी बीमारियों से बचाती है। यदि रोज एक तुलसी की पत्ती का सेवन किया जाए, तो बुखार जैसी बीमारियाँ कभी नहीं होतीं और सभी रोग हमसे दूर रहते हैं। इसके अलावा, तुलसी का सेवन करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है।