परिवार के दो अन्य सदस्यों की हत्या में भी बराबर का दोषी माना
कोरबा,संवाददाता : संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और उसके पिता व बहन की हत्या के मामले में कोरबा के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच दोषियों को मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। देर शाम तक इस फैसले को लेकर कोर्ट में गहमा-गहमा देखी गई। दोषियों को सजा काटने के लिए पुलिस ने जेल भेज दिया है। अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक सुनील सिंह ने बताया कि विकासखंड कोरबा अंतर्गत एक पहाड़ी कोरवा परिवार के तीन सदस्यों की हत्या 29 जनवरी 2021 को हुई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई कोरबा के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। न्यायाधीश ममता भोजवानी की अदालत ने पुलिस की ओर से आरोपी बनाए गए छह लोगों को कोरवा परिवार की बच्ची से दुष्कर्म व उसकी हत्या के अलावा दो अन्य सदस्यों की हत्या का भी दोषी माना। कोर्ट ने इस मामले में पांच लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इसमें संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20) परदेशी दास उम्र (35), आनंद दास उम्र (26) और अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की मेमन शामिल हैं। सभी विकासखंड कोरबा अंतर्गत सतरेंगा थाना लेमरू क्षेत्र के रहने वाले हैं। इसके अलावा कोर्ट ने उमाशंकर यादव (22) को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
यह था मामला
तिरिक्त शासकीय अभिभाषक ने बताया कि एक पहाड़ी कोरवा परिवार सतरेंगा में रहने वाले संतराम मंझवार के घर मवेशी चराता था। संतराम ने परिवार को आठ हजार रुपए मासिक और हर माह दस किलो चावल देने का वादा किया था लेकिन संतराम ने जानवरों को चराने के बदले महज 600 रुपए दिए और दस किलो चावल दिया। तब कोरवा परिवार 29 जनवरी को संतराम का घर छोड़कर चला गया। परिवार के सदस्य सतरेंगा बस स्टैंड पर खड़े थे। इसी बीच संतराम ने कहा कि वह अपने साथियों के साथ उनके घर तक पहुंचा देगा। कोरवा परिवार में एक साढ़े तीन साल की बच्ची और दूसरी साढ़े नौ साल की लड़की थी। आरोपी तीनों को बाइक पर लेकर कुछ दूर तक गए। फिर तीनों की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। घटना से पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।