राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपराधियों के खिलाफ बड़ा एक्शन
जयपुर,संवाददाता : साइबर ठगों के खिलाफ राजस्थान और मध्यप्रदेश पुलिस ने बड़े स्तर पर एक्शन लिया है। राजस्थान पुलिस ने जयपुर में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो साधु बनकर सोशल मीडिया पर लोगों का भविष्य बताने के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य नकली दाढ़ी-मूंछ और बड़े बाल लगाकर लोगों से पैसे वसूलते थे। वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने देशभर में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की थी। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल कर पैसे ट्रांसफर करता था, और इन खातों के जरिए टेरर फंडिंग के लिए भी पैसे भेजे जाते थे। जयपुर में पकड़े गए साइबर ठगों के गिरोह का प्रमुख तरीका साधु बनकर ठगी करना था। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के अनुसार, गिरोह के दो सदस्य ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए श्रीलंका में ट्रेनिंग लेकर आए थे। पुलिस ने जयपुर के कालवाड़ थाना क्षेत्र में दबिश देकर 30 जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। गिरफ्तार ठगों में से चार सदस्य ऐसे हैं, जो साइबर ठगों को किराए पर बैंक खाते उपलब्ध करवा रहे थे। इनमें से एक सदस्य ने 100 से अधिक लोगों के खाते साइबर ठगों को किराए पर दिए थे।
मध्यप्रदेश पुलिस के अनुसार, साइबर ठगी और टेरर फंडिंग का खेल तीन चरणों में किया जाता है। पहले चरण में एक गैंग लोगों को ठगता है, फिर दूसरे चरण में म्यूल अकाउंट्स में पैसे का प्रबंधन होता है, और तीसरे चरण में विदेशों तक पैसे पहुंचाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है। एटीएस द्वारा गुरुग्राम के सोहाना में पकड़े गए छह संदिग्धों के पास से लैपटॉप, फोन और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद हुए हैं। एटीएस ने इन उपकरणों को साइबर पुलिस को सौंपा है, ताकि आगे की जांच की जा सके।साइबर ठगों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए जांच एजेंसियां म्यूल अकाउंट्स और संदिग्ध ट्रांजेक्शनों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इन अकाउंट्स का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया जा रहा था। मामले की गहन जांच जारी है।