सुस्त अधिकारियों ने घटना के बाद जेसीबी से सही कराई पटरी
सूरतगंज-बाराबंकी, संवाददाता: क्षेत्र के रजबहा की पटरी कट जाने से तकरीबन तीस बीघे आलू की फसल जलमग्न हो गई। मिठवारा रजबहा काफी समय से सूखी पड़ी हुई थी। बुधवार देर रात्रि अचानक पानी छोड़े जाने के बाद पटरी क्षतिग्रस्त होकर फसल डूबने से भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। पूर्व में किसानों ने सिंचाई विभाग को कमजोर पटरी होने की सूचना दी थी। परन्तु विभाग के सुस्त अधिकारी व कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया। जिसके नुकसान बाद सिंचाई विभाग ने जेसीबी से पटरी का दुरुस्तीकरण भी कराया है।जानकारी के मुताबिक फतेहपुर क्षेत्र के अल्हेमऊ , मिठवारा रजबहा माइनर काफी समय से सूखी पड़ी थी। परंतु माइनर की सफाई में खानापूर्ति कर अन्दर अन्दर माइनर की सफाई कर दी गई । दोनों पटरियों की मरम्मत करना, वाजिब नहीं समझा गया। नतीजन यह क्षतिग्रस्त पटरी शनिवार के सुबह कट गई। जिसके कारण आस-पास के खेत पर लगी आलू की फसल पूर्णतया जलमग्न होकर बर्बाद हो गई। बाग और तालाब पानी से भर गए ।
उधर पटरी कटने की सूचना आसपास के किसानों ने सिंचाई विभाग के अफसरो को दी, मौके पर पहुंचे, सीचपाल मुकेश कुमार और मेट अनिल कुमार ने जेसीबी बुलाकर क्षतिग्रस्त पटरी को सही कराया है। पानी भर जाने से सर्वजीत, अजय, चन्द्रिका, जल्लू, अनुराग, विमलेश और देशमणि सहित कई किसानों की फसलें प्रभावित हुई है। करीब 30 बीघा आलू की फसल जलमग्न हो गई। उधर सूचना पर पहुंचे, अभियंता विपुल कुमार ने सर्वे कराए जाने के निर्देश सींचपाल को दिया है।उधर किसानों ने बताया, कि मिठवारा माइनर के सफाई में प्रति वर्ष खानापूर्ति की जाती है। जिसके चलते किसानों की फसल नष्ट हो जाती है, और लाखों रुपये का नुकसान भी होता है। उधर मुआवजे के नाम पर सिर्फ चंद रुपये दिए जाते है। पटरियों की चढ़ाई भी हो गई कम, गढ्ढे भी बन रहे मुसीबत: कुछ ग्रामीणों ने बताया, कि माइनरों की सफाई के समय निकली हुई,मिट्टी और सिल्ट को ठेकेदार उसको बेच देते है।जिसके चलते पटरियों पर मिट्टी को डाला नहीं जाता है तो कुछ मिट्टी डाली भी जाती है। उसको सही भी करवाना वाजिब नहीं समझते है। वहीं पटरी पर गढ्ढे बाइक, साइकिल वालों के हादसे का कारण बन रहे है।