हरियाली तीज आज, हर वर्ष सावन महीने में ही मनाई जाती है
डॉ उमाशंकर मिश्रा, लखनऊः
हर वर्ष सावन महीने में हरियाली तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज पर परंपरागत रूप से किए जाने वाले कार्यों में से एक है घर के मुख्य द्वार पर छाप लगाना। यह अलग-अलग चीजों से लगाई जाती है. मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन की नकारात्मकता दूर हो सकती है और जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर बन सकते हैं।
इस दिन महिलाएं अपने हाथों की छाप लगाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इसका क्या महत्व है। हिन्दू पंचांग में तीज तिथि का अत्यधिक महत्व बताया गया है। सालभर में वैसे तो तीन तीज आती हैं, इन सब में सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाली हरियाली तीज को खास माना गया है, जो कि इस वर्ष आज अर्थात 7 अगस्त, दिन बुधवार को है. इस दिन सुहागिन महिलाएं श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करती हैं. वे हरे रंग की चूड़ी, बिंदी, हरी साड़ी आदि के साथ ही हाथों में हरी मेंहदी भी लगाती हैं।
हल्दी की छापः
हरियाली तीज के दिन हल्दी से घर के मुख्य द्वार पर छाप लगाई जाती है। चूंकि हल्दी का रंग पीला होता है और यह गुरु का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में हल्दी की छाप से गुरु ग्रह मजबूत होता है और इसके प्रभाव से सकारात्मकता बढ़ने लगती है। इसलिए हल्दी की छाप लगानी चाहिए।
कुमकुम की छापः
इस खास मौके पर आप अपने घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम की छाप भी लगा सकती हैं। कुमकुम का रंग लाल होता है और इसका संबंध मंगल ग्रह से होता है, जो वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है. कुमकुम की छाप से मंगल मजबूत होता है। ऐसे में सुहागिन महिलाएं घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम की छाप जरूर लगाएं.
मेहंदी की छापः
हरियाली तीज के दिन मेंहदी का काफी महत्व है, इस श्रृंगार करने से पूर्व लगाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं अपने हाथों में मेंहदी लेकर इसकी छाप अपने घर के मुख्य द्वार पर लगाती हैं तो इससे वैवाहिक जीवन में नकारात्मकता खत्म होती है।