मुस्कान की माँ से हत्यारोपितों के मिलने का शगुन करता था विरोध
सीतापुरः शगुन हत्याकांड का राजफाश करने में पुलिस को दस दिन लग गए। हत्याकांड को अंजाम शगुन की भतीजी मुस्कान ने अपने दो क़रीबियों के साथ मिलकर दिया। दोनों ने शगुन को दबोच लिया और मुस्कान ने चाकू से उसका गला रेत दिया। शगुन ने आख़िरी दम तक बचने के लिए संघर्ष किया, जिसके चलते चाकू का बेंट टूटकर घटनास्थल पर ही पड़ा रह गया। घटना के बाद दोनों हत्यारोपित मुस्कान को बौनाभारी गाँव की पुलिया तक बाइक से छोड़कर भाग निकले।
ये आरोपित गिरफ्तारः कोतवाल सिधौली अरविंद सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में सरग़ना बौनाभारी गांव निवासी मुस्कान है, उसने अपने करीबी हरदोई-संडीला के गडरियन खेड़ा निवासी मोहित पाल पुत्र सत्यपाल व रंजीत पुत्र दिनेश के साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया। मोहित ने मुस्कान की मदद से ही सगुन को घटनास्थल पर बुलाया था।
मुस्कान की माँ से हत्यारोपितों के मिलने का शगुन करता था विरोधः कोतवाल के मुताबिक़ मुस्कान की माँ सुशीला पत्नी भदे और मोहित अक्सर एक दूसरे से मिलते थे। मुस्कान की भी रंजीत और मोहित से क़रीबियां बढ़ती जा रहीं थीं। सुशीला के भाभी और मुस्कान के भतीज़ी होने के नाते शगुन इन मुलाक़ातों का विरोध करने लगा। जिसके बाद दोनों हत्यारोपितों ने मुस्कान के साथ मिलकर शगुन की हत्या की साजिश रच डाली।
यह था मामला… सिधौली कोतवाली इलाक़े के मनवा से बौनाभारी जाने वाले मार्ग के किनारे कनकोहरे के पेड़ के पास 21 जुलाई को खून से लथपथ शव पड़ा मिला था। घटनास्थल सीतापुर-लखनऊ हाईवे के करीब ही है। सिधौली और अटरिया दो थानों की सीमा क्षेत्र में हत्या की वारदात हुई और पुलिस को भनक तक न लगी थी।