वसंत पंचमी पर चार करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद
प्रयागराज,संवाददाता : वसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। इस मौके पर साधु-संत हाथों में तलवार, गदा, डमरू और शंख लिए हुए संगम पहुंच रहे हैं। शरीर पर भभूत, आंखों में काला चश्मा और घोड़े तथा रथ की सवारी करते हुए ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष के बीच यह स्नान हो रहा है। इस बार 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के अमृत स्नान में भाग लेने की संभावना है।
महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्था के बदलाव
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इस बार विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं। रविवार से ही श्रद्धालु महाकुंभ पहुंचना शुरू हो गए थे और संगम जाने वाले हर मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रशासन ने मौनी अमावस्या के हादसे से सबक लेते हुए व्यवस्था में कई अहम बदलाव किए हैं।
- वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित – चार फरवरी तक प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- वीवीआईपी पास रद्द – प्रशासन ने वीवीआईपी पास रद्द कर दिए हैं और निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
- श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग व्यवस्था – श्रद्धालुओं को अब वाहनों को शहर के बाहर पार्किंग स्थल पर खड़ा करना होगा और वहां से शटल बस या पैदल घाटों तक पहुंच सकेंगे।
- वन-वे व्यवस्था – प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थानों पर वन-वे व्यवस्था लागू की गई है।
सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश और नियम लागू करने का अनुरोध किया गया था। साधु-संतों ने इस अमृत स्नान को शांति, एकता और समृद्धि की दिशा में एक कदम बताया है। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। महाकुंभ के इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए इंतजामों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि श्रद्धालुओं का स्नान बिना किसी परेशानी के संपन्न हो।