कार्मिक विभाग जल्द ही इस संबंध में सख्त आदेश जारी करने की तैयारी में है
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सभी राज्य कर्मचारियों के लिए 31 जनवरी 2025 तक अपनी चल और अचल संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा तक केवल 52% कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत किया है।
राज्य में कुल 8.32 लाख कर्मचारियों में से सिर्फ 4.33 लाख कर्मचारियों ने ही पोर्टल पर यह जानकारी अपलोड की है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी समय पर संपत्ति का विवरण नहीं प्रस्तुत करेंगे, उनके जनवरी माह के वेतन को रोकने के साथ-साथ उनकी पदोन्नति पर भी विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, कार्मिक विभाग ने सख्त आदेश जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी विभागों को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि सभी अधिकारी और कर्मचारी 31 दिसंबर 2024 तक अपनी संपत्तियों का विवरण 31 जनवरी 2025 तक मानव संपदा पोर्टल पर भरें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि जो कर्मचारी यह विवरण प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। सचिवालय प्रशासन ने समूह ‘क’ और ‘ख’ श्रेणी के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी 2023-24 की एनुअल कांफिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) को मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन दाखिल करें। रिपोर्ट न देने पर संबंधित अधिकारियों का जनवरी महीने का वेतन रोक दिया जाएगा।
मानव संपदा पोर्टल का महत्व
मानव संपदा पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से राज्य के सभी कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जानकारी को अपडेट करते हैं। यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की संपत्ति विवरण, सेवा रिकॉर्ड, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को डिजिटल रूप से संग्रहीत करता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होती है। सरकार ने स्पष्ट किया है
कि जो कर्मचारी 31 जनवरी 2025 तक अपनी संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन रोकने, पदोन्नति न देने, और अन्य दंडात्मक उपाय शामिल हो सकते हैं।