फोर्स मोटर्स की ओर से बनाए गए भारत में निर्मित, हल्के स्ट्राइक वाहनों को भी किया शामिल
जम्मू,संवाददाता : कश्मीर में भारतीय सेना ने फ्लाइंग टॉय के रूप में पहचाने जाने वाले साउंड प्रूफ ब्लैक हॉर्नेेट नैनो ड्रोन को अपने बेड़े में शामिल किया है। यह सीमा पर दुश्मनों की हरकत पर पैनी नजर रखेगा। इससे सीमा पर तैनात सेना की ताकत में इजाफा हुआ है। अखनूर के टांडा में आयोजित नौवें वेटरन्स-डे पर इसे प्रदर्शित किया गया। ड्रोन्स का यह उपयोग सुरक्षा बलों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। छोटे ड्रोन्स न केवल जोखिम को कम करते हैं, बल्कि अधिक प्रभावी और सटीक ऑपरेशनों की संभावना भी बढ़ाते हैं। इनकी तैनाती से न केवल संदिग्धों की पहचान आसान होती है, बल्कि बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है।
सीमा पर सुरक्षा ढांचा होगा और मजबूत
पाकिस्तान में छिपे आतंकियों की हरकतों पर नजर रखने के लिए सीमा पर सुरक्षा प्रणाली टाटा रजाक को भी तैनात किया गया है। इस प्रणाली के माध्यम से 18 किलोमीटर तक मानवीय हरकत और 35 किमोमीटर तक किसी भी संदिग्ध वाहन की हरकत का पता लगाया जा सकता है। टाटा रजाक सीमाओं पर महत्त्वपूर्ण प्रहरी बना हुआ है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना ने अपने बेड़े में फोर्स मोटर्स की ओर से बनाए गए भारत में निर्मित, हल्के स्ट्राइक वाहनों को भी शामिल किया है। इससे सेना की ताकत और बढ़ गई है। सेना मार्च तक डेढ़ लाख करोड़ रुपए की नई खरीदारी कर रही है। इससे सीमा पर सुरक्षा ढांचा और मजबूत होगा।