किसानों के खाते में छह हजार के बदले भेजे जाएं 12000 रुपए
नई दिल्ली,संवाददाता : संसद की कृषि, पशुपालन और फूड प्रोसेसिंग संबंधी स्थायी समिति ने कृषि मंत्रालय का नाम बदलने और पीएम किसान निधि योजना की वार्षिक राशि को 6,000 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश समिति ने मंगलवार को संसद में 2024-25 के अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए की। समिति, जिसका नेतृत्व कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी कर रहे हैं, ने कृषि और किसान कल्याण विभाग का नाम बदलकर “कृषि, किसान और कृषि मजदूर कल्याण विभाग” करने की सिफारिश की है। समिति ने कृषि मजदूरों की भूमिका को पहचानते हुए उनकी भलाई के लिए ठोस कदम उठाने का भी सुझाव दिया है।
मुख्य सिफारिशें:
- कृषि मजदूरों को मौसमी प्रोत्साहन का लाभ: समिति ने सिफारिश की है कि बटाईदार किसानों और कृषि मजदूरों को भी मौसमी प्रोत्साहन का लाभ मिलना चाहिए।
- अनिवार्य फसल बीमा: छोटे किसानों के लिए दो हेक्टेयर तक की भूमि वाले किसानों को अनिवार्य फसल बीमा की सिफारिश की गई है। इस योजना की तर्ज पर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ भी किसानों को मिलने की संभावना है।
- कृषि मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम जीवनयापन वेतन आयोग: समिति ने कृषि मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम जीवनयापन वेतन आयोग बनाने की सिफारिश की है ताकि उन्हें उनके अधिकार मिल सकें।
- कानूनी रूप से बाध्य MSP: समिति ने यह भी कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाया जाना चाहिए ताकि किसानों को आर्थिक स्थिरता मिल सके।
- कर्ज माफी योजना और बजट वृद्धि: समिति ने किसानों और कृषि मजदूरों के लिए कर्ज माफी योजना शुरू करने के साथ-साथ कृषि और किसान कल्याण विभाग के बजट में वृद्धि की सिफारिश की है।
समिति की इन सिफारिशों से उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों और कृषि मजदूरों की स्थिति में सुधार होगा और उनके आर्थिक कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।