नहीं हुआ है अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का फैसला लेकिन देवेंद्र फडणवीस रेस में सबसे आगे
महाराष्ट्र,संवाददाता : महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति की महाविजय के सात दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम और घटक दलों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। शिवसेना प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गृह विभाग को लेकर अड़े हुए हैं, जिस कारण सरकार गठन में देरी हो रही है। हालांकि, नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख पांच दिसंबर को घोषित कर दी गई है।
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि पांच दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। एनसीपी नेता अजित पवार ने यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और दोनों घटक दलों, शिवसेना और एनसीपी का डिप्टी सीएम होगा। भाजपा में अभी मुख्यमंत्री के नाम का फैसला नहीं हुआ है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस रेस में सबसे आगे हैं।
शिवसेना की मांग, भाजपा का विरोध
सूत्रों के अनुसार, शिंदे डिप्टी सीएम के साथ गृह विभाग चाहते हैं, जैसे पिछली बार देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग था। शिंदे का तर्क है कि गृह विभाग मिलने पर ही वह सीएम पद छोड़ने और डिप्टी सीएम बनने का औचित्य शिवसैनिकों को समझा पाएंगे। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि उनकी पार्टी को गृह विभाग चाहिए। वहीं, शिंदे की तबियत अचानक नासाज हो गई है और डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है।
बीजेपी शिंदे को गृह विभाग देने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा का कहना है कि गृह विभाग से सरकार की हनक बनती है और कानून-व्यवस्था के आधार पर शासन की छवि तय होती है। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, पिछली बार 105 विधायक होने के बावजूद शिंदे को सीएम बनाना पड़ा था, तब भी गृह विभाग पार्टी के पास था। अब 132 सीटों पर जीतने के बाद भाजपा गृह विभाग छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
लोकसभा चुनाव और बीएमसी चुनाव की रणनीति
महाराष्ट्र में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए, जिसमें भाजपा के पास 132 सीटें हैं और चार निर्दलीय विधायक समर्थन दे चुके हैं। एनसीपी के अजित पवार ने कोई पेंच नहीं फंसाया है। भाजपा के पास बगैर सहयोगियों के भी सरकार बनाने की क्षमता है, लेकिन लोकसभा चुनावों और आगामी बीएमसी चुनावों को देखते हुए भाजपा शिंदे की हर मांग पर विचार कर रही है।