23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया था यह विधेयक

नई दिल्ली,संवाददाता : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 अब अधिनियम बन गया है। इस विधेयक के तहत भारत के खेल प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता लाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में बताया गया कि यह अधिनियम 18 अगस्त, 2025 से प्रभावी हो गया है। यह विधेयक पिछले एक दशक से लंबित था, लेकिन पिछले एक साल में विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया।
यह विधेयक 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां इसे 11 अगस्त को पारित कर दिया गया। इसके बाद, राज्यसभा ने लगभग दो घंटे तक चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी। इस नए कानून के तहत न केवल खेल संगठनों के प्रशासनिक मानदंड तय किए जाएंगे, बल्कि राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण का गठन भी होगा, जो खेल विवादों का त्वरित समाधान करेगा। साथ ही, राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल का गठन होगा, जो अक्सर विवादों में घिरे राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के चुनावों की निगरानी करेगा। यह विधेयक भारतीय खेल व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित, जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।